New Noida Latest News/ भारतीय टॉक न्यूज़: दादरी से खुर्जा के बीच प्रस्तावित दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन (न्यू नोएडा) के लिए जमीन अधिग्रहण की दरें जल्द तय होने वाली हैं। नोएडा प्राधिकरण ने इसके लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे 27-28 मार्च 2025 को होने वाली बोर्ड बैठक में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। यह परियोजना 80 गांवों की जमीन पर विकसित की जानी है, और प्राधिकरण का लक्ष्य अगले वित्तीय वर्ष से किसानों के साथ समझौते के आधार पर जमीन अधिग्रहण शुरू करना है।
जमीन अधिग्रहण की दरों पर फैसला
न्यू नोएडा के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने व्यापक अध्ययन किया है। सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर की मौजूदा जमीन दरों का विश्लेषण किया गया। अध्ययन में पाया गया कि बुलंदशहर की मौजूदा दरों पर स्थानीय किसान जमीन देने को तैयार नहीं हैं, जिसके चलते न्यू नोएडा के लिए अलग से दरें तय करने का फैसला लिया गया है। बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगेगी, जिसमें गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के जिलाधिकारी भी शामिल होंगे।
सिकंदराबाद की दरों का अध्ययन, बुलंदशहर की दरें किसानों को स्वीकार्य नहीं
न्यू नोएडा में जमीन की दरों को तय करने से पहले प्राधिकरण ने विस्तृत अध्ययन किया है। इसके लिए सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र की दरों का अवलोकन किया गया है। प्राधिकरण ने पाया कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर की जमीन दरों में अंतर है और बुलंदशहर की मौजूदा दरों पर स्थानीय किसान जमीन देने के लिए सहमत नहीं हो रहे हैं। इसी कारण न्यू नोएडा के लिए अलग से जमीन दरें निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है।
प्राधिकरण द्वारा तैयार इस प्रस्ताव को आगामी 27 और 28 मार्च को होने वाली बोर्ड बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। प्राधिकरण का लक्ष्य है कि अगले वित्तीय वर्ष में किसानों के साथ समझौते के आधार पर न्यू नोएडा में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए।
जमीन अधिग्रहण के लिए एक हजार करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित
न्यू नोएडा परियोजना के लिए नोएडा प्राधिकरण ने बजट में 1,000 करोड़ रुपये आरक्षित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। यह राशि बोर्ड बैठक में मंजूरी के लिए रखी जाएगी। इस धन का उपयोग पहले चरण में जमीन अधिग्रहण और विकास कार्यों की शुरुआत के लिए किया जाएगा। प्राधिकरण का मानना है कि इस बजट से परियोजना को गति मिलेगी और अगले वित्तीय वर्ष में कार्य शुरू हो सकेगा।
जोखाबाद और सांवली गांव से होगी अधिग्रहण की शुरुआत
प्राधिकरण की योजना है कि जमीन अधिग्रहण की शुरुआत सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र के पास स्थित जोखाबाद और सांवली गांव के सामने से की जाए। इस पहले चरण में ग्रेटर नोएडा का भी कुछ हिस्सा शामिल होगा, इसलिए प्रस्ताव तैयार करते समय ग्रेटर नोएडा की दरों को भी ध्यान में रखा गया है।
बोर्ड बैठक में अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी होंगे शामिल
इस बोर्ड बैठक में प्राधिकरण की ओर से कुल 35 प्रस्ताव रखे जाएंगे। इनमें अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर आधारित जीरो पीरियड पॉलिसी की समीक्षा भी एक महत्वपूर्ण एजेंडा है। इसके तहत यह आकलन किया जाएगा कि इस पॉलिसी के तहत कितना बकाया जमा हुआ है और प्राधिकरण कितने फ्लैटों की रजिस्ट्री करा पाया है।
एंटरटेनमेंट सिटी की खाली जमीन के उपयोग पर भी होगा विचार
सेक्टर-38ए स्थित एंटरटेनमेंट सिटी की आवंटित जमीन, जिस पर जीआईपी मॉल, गार्डेन गैलेरिया मॉल, वर्ड्स ऑफ वंडर एम्यूजमेंट पार्क और किडज़ैनिया बने हुए हैं, में खाली पड़ी जमीन के उपयोग का प्रस्ताव भी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। नक्शे का नवीनीकरण न होने के कारण इस खाली जमीन का उपयोग अटका हुआ है। लगभग 155 करोड़ रुपये के बकाया के कारण नवीनीकरण नहीं हो सका है। मॉल प्रबंधन का कहना है कि अगर नक्शे का नवीनीकरण हो जाता है तो खाली जगह पर नए प्रोजेक्ट लाए जा सकते हैं, जिससे प्राधिकरण को हर महीने 2-3 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता रहेगा। प्राधिकरण ने एक योजना बनाई है जिसके तहत बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा कराकर एक एस्क्रो अकाउंट खोला जाएगा, जिसमें 50-50 प्रतिशत धनराशि प्राधिकरण और संचालक समूह के पास जाती रहेगी। इस प्रस्ताव पर भी बोर्ड बैठक में विचार किया जाएगा।
जीरो पीरियड पॉलिसी की समीक्षा
बोर्ड बैठक में 35 प्रस्तावों में से एक महत्वपूर्ण मुद्दा अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर बनी जीरो पीरियड पॉलिसी की समीक्षा भी होगी। इस समीक्षा में यह देखा जाएगा कि पॉलिसी लागू होने के बाद कितना बकाया जमा हुआ और प्राधिकरण कितने फ्लैट्स की रजिस्ट्री करवा पाया। यह पॉलिसी बिल्डरों और खरीदारों के हितों को संतुलित करने के लिए बनाई गई थी, और अब इसके प्रभाव का आकलन किया जाएगा।
न्यू नोएडा का भविष्य
न्यू नोएडा को 209.11 वर्ग किलोमीटर में चार चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण (2023-2027) में 3,165 हेक्टेयर, दूसरे चरण (2027-2032) में 3,798 हेक्टेयर, तीसरे चरण (2032-2037) में 5,908 हेक्टेयर और चौथे चरण (2037-2041) में 8,230 हेक्टेयर जमीन का विकास होगा। यह परियोजना औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और आधुनिक शहरीकरण को बढ़ावा देगी। प्राधिकरण का प्रयास है कि किसानों के हितों को सुरक्षित रखते हुए इस मेगा प्रोजेक्ट को समय पर पूरा किया जाए।