Greater Noida/भारतीय टॉक न्यूज़: चर्चित निक्की भाटी हत्याकांड में बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए आरोपी पति विपिन भाटी समेत सभी चारों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने मामले की गंभीर प्रकृति और तथ्यों को देखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया। इस फैसले के बाद मृतका के परिवार ने न्याय की उम्मीद जताई है।
क्या है पूरा मामला?
यह दिल दहला देने वाली घटना ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव की है, जहां निक्की भाटी की संदिग्ध परिस्थितियों में जलकर मौत हो गई थी। निक्की के परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि दहेज की मांग को लेकर उसके पति विपिन, जेठ रोहित, ससुर सतवीर और सास दया ने मिलकर उसे जलाकर मार डाला। इस मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। घटना से जुड़ा एक दर्दनाक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें निक्की आग की लपटों में घिरी हुई दिख रही थी, जिसने समाज में आक्रोश पैदा कर दिया था।
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अदालत में दोनों पक्षों की दलीलें
बुधवार को जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान आरोपी पक्ष के अधिवक्ता अमित भाटी बोड़ाकी ने दलील दी कि उनके मुवक्किल निर्दोष हैं और उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है। उन्होंने आरोपियों को जमानत पर रिहा करने की मांग की।
वहीं, अभियोजन पक्ष और पीड़ित परिवार के अधिवक्ताओं, उधम सिंह और दिनेश कुमार कलसन ने जमानत का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने अदालत को बताया कि निक्की की हत्या एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई है। उन्होंने दलील दी कि मामला बेहद गंभीर, अजमानतीय और सत्र परीक्षण के योग्य है।
अदालत का निर्णायक फैसला
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने अपना फैसला सुनाया। अदालत ने टिप्पणी की कि मामले के तथ्य, परिस्थितियां और गंभीर प्रकृति को देखते हुए आरोपियों को जमानत देने का कोई पर्याप्त आधार नहीं है। इसी के साथ अदालत ने विपिन, रोहित, सतवीर और दया की जमानत याचिकाओं को निरस्त कर दिया।
न्याय के लिए लंबी लड़ाई को तैयार परिवार
अदालत के फैसले के बाद पीड़ित पक्ष के वकीलों ने कहा कि यह न्याय की दिशा में पहला कदम है। उन्होंने कहा, “अभी निचली अदालत में याचिका खारिज कराई गई है। यदि आरोपी पक्ष सेशन कोर्ट, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत के लिए अपील करता है, तो हम वहां भी इसका पुरजोर विरोध करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि समाज में ऐसा घिनौना कृत्य करने वाले आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाना ही उनका लक्ष्य है, ताकि भविष्य में कोई ऐसा करने की हिम्मत न कर सके।