Noida News : 9 सितंबर: नोएडा प्राधिकरण के हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट ने हाल ही में वर्षा जल संरक्षण के लिए जारी किए गए 3 करोड़ रुपए के टेंडर को रद्द कर दिया है। यह टेंडर अवैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करते हुए जारी किया गया था, जिससे न केवल अनावश्यक खर्च बढ़ता, बल्कि भूजल प्रदूषण भी बढ़ने की आशंका थी।
शिकायत का प्रभाव
पर्यावरणविद विक्रांत तोगड़ ने बताया कि जैसे ही यह टेंडर जारी हुआ, उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत सीईओ और डीएम से की। प्राधिकरण ने अपने फैसले को सही साबित करने में समय बिताया, लेकिन अंततः भूजल विभाग ने उनकी शिकायत के आधार पर नोटिस जारी किया। इसके बाद उद्यान निदेशक ने टेंडर को रद्द करने का निर्णय लिया।
भ्रष्टाचार का आरोप
विक्रांत तोगड़ ने कहा कि इस तरह के टेंडर अक्सर फंड के दुरुपयोग के लिए जारी किए जाते हैं। यदि उनकी शिकायत नहीं की जाती, तो करोड़ों रुपए भूजल नियमों के उल्लंघन में बर्बाद हो जाते। उन्होंने इस मामले को भ्रष्टाचार से भी जोड़ा है और कहा है कि वे भ्रष्टाचार निरोधक विभाग, लोक लेखा समिति और सीईओ से शिकायत करेंगे।
भविष्य की कार्रवाई
विक्रांत तोगड़ ने यह भी कहा कि वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भविष्य में नियमों के खिलाफ कोई टेंडर जारी न हो। इसके साथ ही, उन्होंने इस टेंडर को मंजूरी देने वाले कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगने की भी बात की है, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
इस मामले ने नोएडा प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है।