नोएडा प्राधिकरण FD घोटाला: 3.90 करोड़ की धोखाधड़ी का इनामी बदमाश दिल्ली से गिरफ्तार

Noida Authority FD scam: Criminal wanted for fraud of Rs 3.90 crore arrested from Delhi

Partap Singh Nagar
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नोएडा प्राधिकरण FD घोटाला: 3.90 करोड़ की धोखाधड़ी का इनामी बदमाश दिल्ली से गिरफ्तार

Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़ : नोएडा प्राधिकरण की एफडी में सेंध लगाकर 3.90 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में फरार चल रहे 25 हजार रुपये के इनामी बदमाश वरुण कुमार त्यागी को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। क्राइम ब्रांच नोएडा और थाना सेक्टर-58 पुलिस की संयुक्त टीम ने उसे दिल्ली के राम नगर एक्सटेंशन से दबोचा। यह गिरफ्तारी नोएडा विकास प्राधिकरण से जुड़े 200 करोड़ रुपये के फर्जी एफडी घोटाले की जांच के दौरान हुई है।

क्या था पूरा मामला?

नोएडा प्राधिकरण ने जुलाई 2023 में बैंक ऑफ इंडिया की सेक्टर-62 शाखा में 100-100 करोड़ रुपये की दो फर्जी फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) बनाने की शिकायत दर्ज कराई थी। जब प्राधिकरण के अधिकारी इन एफडी की पुष्टि के लिए 3 जुलाई 2023 को बैंक पहुंचे, तो इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। बैंक के रिकॉर्ड में ऐसी कोई वैध एफडी मौजूद नहीं थी, बल्कि उसी फर्जी खाते से 30 जून को 3.90 करोड़ रुपये अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिए गए थे। बैंक ने तत्परता दिखाते हुए 9 करोड़ रुपये के संभावित ट्रांजैक्शन को भी रोक दिया था।

धोखाधड़ी का तरीका: फर्जी दस्तावेज और हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल

जांच में पता चला कि अभियुक्तों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर नोएडा प्राधिकरण के नाम पर बैंक खाता खुलवाया था। बैंक के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी एफडी बनवाकर उसे असली के तौर पर पेश किया गया। इस फर्जी खाते का खाताधारक अब्दुल खादर बनकर सामने आया और उसने 3.90 करोड़ रुपये की रकम निकाल ली। इस पैसे को हवाला नेटवर्क के माध्यम से दिल्ली में नकद रूप में प्राप्त किया गया था।

घोटाले में अब तक 10 से अधिक गिरफ्तार

इस सनसनीखेज घोटाले में पुलिस अब तक 10 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें मुख्य साजिशकर्ता मनु भोला, अब्दुल खादर, राजेश पांडेय, सुधीर, मुरारी, राजेश बाबू, त्रिदिब दास, राहुल मिश्रा उर्फ गौरव शर्मा, अजय कुमार पटेल और अब वरुण कुमार त्यागी शामिल हैं।

पूछताछ में वरुण त्यागी ने कबूला जुर्म

पुलिस पूछताछ में वरुण त्यागी ने स्वीकार किया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 200 करोड़ रुपये की फर्जी एफडी तैयार कराई थी। इस काम के लिए उसे लगभग 4 लाख रुपये नकद मिले थे। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह लोगों से सिर्फ ‘त्यागी’ नाम से ही अपनी पहचान बताता था।

 

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