Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: नोएडा के सेक्टर 62 स्थित फोर्टिस अस्पताल में भर्ती एक मरीज के खाने में कॉकरोच मिलने की घटना ने अस्पताल की स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बायोप्सी के बाद मरीज को दी गई खिचड़ी में कॉकरोच पाए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है।
यह घटना उस समय सामने आई जब विनय कुमार शर्मा नामक एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उनकी परिचित, जो अस्पताल में बायोप्सी कराने के लिए भर्ती थीं, को परोसी गई खिचड़ी में एक मरा हुआ कॉकरोच मिला। इस घटना ने न केवल मरीज और उनके तीमारदारों को झकझोर कर रख दिया, बल्कि अस्पताल प्रबंधन को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है।
नाम बड़े दर्शन छोटे😱
नोएडा के सेक्टर-62 स्थित #Fortis अस्पताल द्वारा मरीज को दिए गए खाने में कॉकरोच निकला
आरोप है कि मरीज को परोसी गई खिचड़ी में कॉकरोच मिला, वीडियो वायरल
मरीज के पति विनय कुमार शर्मा ने बताया कि उनकी पत्नी को बायोप्सी के लिए भर्ती किया गया था।… pic.twitter.com/lGCVeDxsI1
— BT News |Bharatiya Talk| (@BharatiyaTalk) June 10, 2025
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, मरीज को बायोप्सी प्रक्रिया के बाद शाम के भोजन में खिचड़ी दी गई थी। जब मरीज ने खाना शुरू किया तो उसमें एक कॉकरोच पाया गया। मरीज के परिचित विनय कुमार शर्मा ने तुरंत इसका एक वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर साझा कर दिया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया। शर्मा ने यह भी आरोप लगाया है कि जब इस मामले की शिकायत अस्पताल की एक महिला अधिकारी से की गई, तो उन्होंने कथित तौर पर धमकी भरे लहजे में बात की।
अस्पताल प्रबंधन की प्रतिक्रिया
मामला तूल पकड़ने के बाद फोर्टिस अस्पताल प्रबंधन ने एक बयान जारी कर कहा है कि वे इस घटना को पूरी गंभीरता से ले रहे हैं और मामले की गहन जांच की जा रही है। अस्पताल ने अपनी सफाई में कहा, “अस्पताल नियमित ऑडिट और जांच के साथ-साथ सख्त खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन करता है।” प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि जांच के निष्कर्षों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता पर उठे सवाल
इस घटना ने अस्पतालों में मरीजों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता के मानकों को लेकर चिंता बढ़ा दी है। यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या अस्पताल की रसोई में स्वच्छता के निर्धारित प्रोटोकॉल का सही ढंग से पालन किया जा रहा है। मरीजों, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही कमजोर होती है, के लिए इस तरह की लापरवाही गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती है।
आगे की कार्रवाई
फिलहाल, यह मामला जांच का विषय है। मरीज के परिवार ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अस्पताल की आंतरिक जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।