नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट: डोमेस्टिक और इंटरनेशनल कनेक्टिविटी , अप्रैल 2025 में शुरू होगा परिचालन, 80% निर्माण कार्य पूरा ,

Noida International Airport: Domestic and international connectivity, operations will start in April 2025, 80% construction work completed,

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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट: डोमेस्टिक और इंटरनेशनल कनेक्टिविटी , अप्रैल 2025 में शुरू होगा परिचालन, 80% निर्माण कार्य पूरा ,

Noida International Airport News : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA), जिसे जेवर एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह एयरपोर्ट न केवल उत्तर भारत की एविएशन कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा, बल्कि दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भीड़ को कम करने में भी मदद करेगा। एयरपोर्ट का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है, और अप्रैल 2025 में इसके परिचालन शुरू होने की उम्मीद है।

एयरस्पेस मंजूरी और फ्लाइट प्रोसीजर

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए एयरस्पेस और इंस्ट्रूमेंट फ्लाइट प्रोसीजर को मंजूरी दे दी है। AAI की टीम ने बोइंग के साथ मिलकर एयरस्पेस डिजाइन और फ्लाइट प्रोसीजर को अंतिम रूप दिया है। यह कदम एयरपोर्ट के परिचालन शुरू होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है

निर्माण कार्य की प्रगति

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य 80% पूरा हो चुका है। टर्मिनल बिल्डिंग, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) टावर, और रनवे जैसे प्रमुख ढांचे पूरी तरह से तैयार हैं। टर्मिनल में एस्केलेटर्स, फ्लोरिंग, और बैगेज हैंडलिंग सिस्टम की स्थापना भी पूरी हो चुकी है। इसके अलावा, 10 एयरो ब्रिज स्थापित किए जाएंगे, जो फ्लाइट ऑपरेशन को सुगम बनाएंगे।

डोमेस्टिक और इंटरनेशनल कनेक्टिविटी

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरुआत में 25 डोमेस्टिक और 5 इंटरनेशनल रूट्स पर फ्लाइट्स ऑपरेट करेगा। डोमेस्टिक रूट्स में मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, लखनऊ, देहरादून, और हुबली जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। इंटरनेशनल रूट्स में दुबई, सिंगापुर, और ज्यूरिख जैसे गंतव्य शामिल होंगे। 2025 के अंत तक ब्रसेल्स और म्यूनिख को भी जोड़ने की योजना है।

आर्थिक और पर्यटन प्रभाव

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। यह एयरपोर्ट प्रति वर्ष 12 मिलियन यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है और 10,000 फ्लाइट्स के साथ 250,000 मीट्रिक टन कार्गो की ढुलाई करेगा। इससे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और उत्तर भारत की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

भविष्य की योजनाएं

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की भविष्य की योजनाओं में 80 एकड़ में मल्टी-मोडल कार्गो हब और 40 एकड़ में मरम्मत और ओवरहॉल (MRO) सेंटर का विकास शामिल है। यह एयरपोर्ट एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट में से एक बनने का लक्ष्य रखता है और अपने पहले चरण में 12 मिलियन यात्रियों को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत के एविएशन सेक्टर में एक बड़ा कदम है। यह न केवल यात्रियों के लिए सुविधा और समय बचाएगा, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। अप्रैल 2025 में इसके परिचालन शुरू होने के साथ, यह एयरपोर्ट भारत के एविएशन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान हासिल करेगा।

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