Noida international Airport / भारतीय टॉक न्यूज़ : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जिसे जेवर एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है। यह हवाई अड्डा 17 अप्रैल 2025 से अपने संचालन की शुरुआत करेगा। पहले चरण में कुल 30 उड़ानें संचालित होंगी, जिनमें 25 घरेलू, 3 अंतरराष्ट्रीय और 2 कार्गो रूट शामिल होंगे। यह एयरपोर्ट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हवाई यात्रा की क्षमता को बढ़ाने और दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दबाव को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा। आइए, इस परियोजना की पूरी जानकारी विस्तार से जानते हैं।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर (उत्तर प्रदेश) में 17 अप्रैल 2025 से संचालन शुरू करेगा।
शुरुआती चरण में कुल 30 उड़ानें होंगी, जिनमें 25 घरेलू, 3 अंतरराष्ट्रीय और 2 कार्गो रूट शामिल हैं। ✈️ @jewar_airport #jewar #Noidainternationalairport pic.twitter.com/4W5cQ9vpSd— Bharatiya Talk (भारतीय टॉक न्यूज़) (@BTalknews) February 24, 2025
संचालन की शुरुआत और उड़ानों का विवरण
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ( Noida international Airport ) का उद्घाटन 17 अप्रैल 2025 को होने की उम्मीद है। पहले दिन से ही यहाँ 30 उड़ानों का संचालन शुरू होगा। इनमें 25 घरेलू उड़ानें होंगी, जो देश के प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और देहरादून को जोड़ेंगी। इसके अलावा, 3 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें ज्यूरिख, सिंगापुर और दुबई जैसे गंतव्यों के लिए शुरू होंगी। साथ ही, 2 कार्गो रूट भी संचालित किए जाएंगे, जो क्षेत्र में व्यापार और लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देंगे। टिकट बुकिंग फरवरी 2025 से शुरू होने की संभावना है, ताकि यात्री पहले से अपनी यात्रा की योजना बना सकें।

निर्माण और तकनीकी प्रगति
जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण लगभग पूरा हो चुका है। इसका टर्मिनल भवन दिसंबर 2024 में तैयार हो गया था, और रनवे पर पहली टेस्ट फ्लाइट भी सफलतापूर्वक उतारी जा चुकी है। यह एयरपोर्ट 1,334 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है और पहले चरण में सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है। इसके डिजाइन में भारतीय संस्कृति को विशेष महत्व दिया गया है, जिसमें टर्मिनल की सीढ़ियाँ बनारस के घाटों और छत गंगा नदी की लहरों से प्रेरित है। हाई-टेक उपकरणों और डिजिटल सुविधाओं से लैस यह एयरपोर्ट पर्यावरण के प्रति भी संवेदनशील है, क्योंकि यह भारत का पहला नेट-ज़ीरो उत्सर्जन वाला हवाई अड्डा होगा।
कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida international Airport) को सड़क और रेल मार्ग से जोड़ने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे से 750 मीटर की 8-लेन सड़क लगभग तैयार है, जो यात्रियों को सीधे टर्मिनल तक पहुँचाएगी। इसके अलावा, गाजियाबाद से जेवर तक 72 किलोमीटर लंबा रैपिड रेल कॉरिडोर और दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल से कनेक्टिविटी प्रस्तावित है। हालांकि, ये प्रोजेक्ट्स अभी निर्माणाधीन हैं और इन्हें पूरा होने में कुछ साल लग सकते हैं। शुरुआत में यात्री सड़क मार्ग से ही एयरपोर्ट पहुँचेंगे, जिसके लिए ई-बसों की सुविधा भी शुरू करने की योजना है।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
यह एयरपोर्ट न केवल हवाई यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास में भी बड़ा योगदान देगा। जेवर और आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय उत्पादों का निर्यात आसान होगा। पूरी तरह तैयार होने पर यह एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनने की ओर अग्रसर है। छह रनवे और चार टर्मिनल के साथ यह भविष्य में करोड़ों यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा, जिससे एनसीआर का हवाई यातायात और सुलभ हो जाएगा।

उद्घाटन और भविष्य की योजनाएँ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अप्रैल 2025 में इस एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। पहले चरण के बाद, अगले चरणों में इसकी क्षमता और सुविधाओं को और बढ़ाया जाएगा। इंडिगो और अकासा एयर जैसी एयरलाइंस यहाँ से उड़ानें शुरू करने के लिए तैयार हैं। यह परियोजना नोएडा और ग्रेटर नोएडा को वैश्विक पटल पर लाने में मदद करेगी, जिससे यह क्षेत्र अगले दशक में देश का सबसे विकसित हिस्सा बन सकता है।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर से शुरू होने वाली यह नई उड़ान सेवा उत्तर प्रदेश और भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह न सिर्फ यात्रियों के लिए सुविधा लाएगा, बल्कि आर्थिक समृद्धि और क्षेत्रीय विकास का नया द्वार भी खोलेगा।
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