Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में नोएडा में हुए कथित जमीन घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई की है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर जांच कर रही सीबीआई ने इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों और बिल्डरों के खिलाफ दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं।
नियमों को ताक पर रखकर बिल्डरों को पहुंचाया गया फायदा:
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, इस परियोजना में बिल्डरों पर नियमों का उल्लंघन कर जमीन के टुकड़े करने और हजारों करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता करने का आरोप है। जांच एजेंसी को आशंका है कि इस गड़बड़ी में नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत भी शामिल थी। इस घोटाले के कारण हजारों फ्लैट खरीदार बुरी तरह से फंसे हुए हैं।
लोटस ग्रीन कंस्ट्रक्शन के खिलाफ दर्ज हुआ पहला मुकदमा:
सीबीआई ने बीते सोमवार को इस मामले में पहला मुकदमा लोटस ग्रीन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दर्ज किया। इस एफआईआर में कंपनी के निर्मल सिंह, विदुर भारद्वाज, सुरप्रीत सिंह सुरी के अलावा नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन कई अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है।
मैसर्स जनाडु एस्टेट के खिलाफ दूसरा मामला:
सीबीआई ने सेक्टर 78-79 से जुड़े मामले में दूसरा मुकदमा मैसर्स जनाडु एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दर्ज किया है। इस एफआईआर में भी निर्मल सिंह, विदुर भारद्वाज और सुरप्रीत सिंह सुरी के साथ-साथ नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों और अन्य अज्ञात लोगों को नामजद किया गया है।
निवेशकों में जगी उम्मीद:
सीबीआई द्वारा मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद उन हजारों निवेशकों में एक नई उम्मीद की किरण जगी है, जिन्होंने इन परियोजनाओं में अपने खून-पसीने की कमाई लगाई है और सालों से अपने घरों का इंतजार कर रहे हैं। अब उन्हें उम्मीद है कि इस जांच से उन्हें न्याय मिलेगा और उनकी समस्याओं का समाधान होगा।