Noida / भारतीय टॉक न्यूज़ : रेलवे सुरक्षा बल (RPF) कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में नक़ल कराने के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक ब्रिक्स कंपनी का कर्मचारी भी शामिल है। आरोप है कि ये गिरोह परीक्षार्थियों को ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से नक़ल करा रहा था।
संदिग्ध गतिविधि से हुआ खुलासा
यह घटना 7 मार्च को एक परीक्षा केंद्र पर हुई। कक्ष निरीक्षक छत्रपाल परीक्षा ले रहे परीक्षार्थी आजाद मुशर्रफ़ की गतिविधियों पर संदेह हुआ। निरीक्षक को लगा कि आजाद किसी से बात कर रहा है। संदेह होने पर जब आजाद की जांच की गई, तो उसके कान में एक छोटा ब्लूटूथ डिवाइस लगा हुआ पाया गया। इसके अतिरिक्त, उसकी मेज के नीचे एक इलेक्ट्रिक डिवाइस भी बरामद हुई।
ब्रिक्स कंपनी के कर्मचारी की भूमिका
जब पुलिस ने आजाद से पूछताछ की, तो उसने बताया कि ब्रिक्स कंपनी में काम करने वाला अर्जुन डागर नाम का व्यक्ति उसकी मदद कर रहा था। पुलिस ने तुरंत अर्जुन डागर को भी गिरफ्तार कर लिया। प्राथमिक जांच में पता चला है कि अर्जुन नक़ल कराने वाले गिरोह का सक्रिय सदस्य है और वह परीक्षार्थियों को तकनीकी उपकरणों के माध्यम से नक़ल कराने में मदद करता था।
मामले में छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
पुलिस ने इस मामले में आजाद और अर्जुन डागर समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच अभी जारी है और कुछ अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
पुलिस की सतर्कता से नक़ल गिरोह का भंडाफोड़
इस मामले में पुलिस और कक्ष निरीक्षक छत्रपाल की सतर्कता से एक बड़े नक़ल गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। यह घटना रेलवे भर्ती परीक्षाओं में नक़ल रोकने के लिए सख्त निगरानी और सतर्कता की आवश्यकता को दर्शाती है।