व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर शेयर ट्रेडिंग में लाभ के नाम पर लगभग 09 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 02 आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
Noida News : नोएडा पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने दो खूंखार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा कि आरोपी लोगों को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे के नाम पर धोखा देते थे। कुछ दिनों पहले आरोपी ने नोएडा सेक्टर-40 के एक व्यक्ति से 9 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी, जिसके बाद पीड़िता ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन सेक्टर-36 में शिकायत दर्ज कराई, जिस पर पुलिस ने कार्रवाई की और 2 लोगों को गिरफ्तार किया।
9 करोड़ की धोखाधड़ी
पुलिस स्टेशन साइबर क्राइम पुलिस ने कहा कि व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे के नाम पर लगभग 9 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। सैम सुशील कुमार की गिरफ्तारी के बाद पहली गिरफ्तारी अकरम उर्फ सैम उर्फ लौकी की हुई थी। दोनों को ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर कासना रोड पर रेलवे पुल के नीचे से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा कि सैम ने धोखाधड़ी में सुशील कुमार के बैंक खाते का इस्तेमाल किया था।
नोएडा के एक निवासी ने शिकायत की थी पुलिस ने कहा कि 31 मई को पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई कि उसके साथ साइबर धोखाधड़ी की जा रही है। जिसमें बताया गया कि आरोपी ने पीड़ित को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे के नाम पर लगभग 09 करोड़ रुपये का धोखा दिया। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच शुरू की, जांच के दौरान उन्हें पता चला कि जिस खाते में पैसे बुलाए गए थे, वह सुशील कुमार के नाम पर था।
1.64 करोड़ की वसूली
पुलिस ने कहा कि अकरम उर्फ सैम उर्फ लौकी के पिता का नाम मुख्तयार अहमद है, वह बरेली के रिछोला का रहने वाला है। उनकी उम्र 28 साल है, उन्होंने सुशील कुमार के बैंक खाते का इस्तेमाल किया। वहीं सुशील 45 साल का है और बरेली के मुंशीनगर का रहने वाला भी है। पुलिस ने कहा कि आरोपियों के पास से चेक बुक, चेक, पासबुक, क्यू आर कोड (आईसीआईसीआई बैंक) आधार क्यू आर कोड, मोबाइल फोन, टैबलेट, लैपटॉप, जीएसटी फॉर्म, एसई निवेश आवेदन की प्रति बरामद की गई है। इसके अलावा आरोपी के पास से 1.64 करोड़ रुपये भी बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही 6.99 लाख रुपये की क्रिप्टो करेंसी को भी फ्रीज कर दिया गया है।
अभियुक्त सैम ने यह जानकारी दी
पुलिस ने आगे कहा कि अकरम उर्फ सैम उर्फ लौकी ने पूछताछ के दौरान बताया कि जब उसने ऑनलाइन नौकरी की तलाश शुरू की, तो वह शान के संपर्क में आया, जो वॉयस कॉल करता था और व्हाट्सएप के माध्यम से उससे चैट करता था और सैम की कंपनी में जाता रहता था। था। सैम सिलाई और कढ़ाई का व्यवसाय भी करता था और तभी उसका सुशील श्रीवास्तव से परिचय हुआ। शान ने सैम से कहा कि मुझे उसका बैंक खाता दे, उसमें किसी गेमिंग प्लेटफॉर्म से पैसे होंगे, जिसमें से आपको 1 प्रतिशत मिलेगा। फिर सैम ने सुशील से शान को बैंक खाते का यूजर आईडी पासवर्ड/लॉगिन आईडी पासवर्ड दिया। लेन-देन के दौरान प्राप्त सभी ओ. टी. पी. सैम ने खुद ऐप के माध्यम से शान को भेजे थे। सैम को शान से बैंक खाते के बदले 2 लाख रुपये मिलते थे।
कमीशन के रूप में क्रिप्टोकरेंसी
पुलिस ने आगे कहा कि शान ने सैम को कमीशन के रूप में लाखों रुपये की क्रिप्टोकरेंसी दी थी। सैम को यह कमीशन C98, KUCOIN ऐप, BINANCE ऐप, MEXC ऐप, ट्रस्ट वॉलेट, COIN DCX, BIT BNS, CRYPTO-COM आदि के माध्यम से मिला। सैम को व्हाट्सएप पर एक समूह क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडर्स में एड टाइगर को USDT भेजकर UPI के माध्यम से 20,000 रुपये मिले थे।और उन्होंने गर्व से USDT देकर 45,000 रुपये भी कमाए। शेष पैसा सैम के उपर्युक्त बटुए में क्रिप्टो मुद्रा शेष के रूप में है। पुलिस ने कहा कि अन्य लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। जाँच किए गए खाते में, विभिन्न राज्यों में एन. सी. आर. पी. पोर्टल पर 26 शिकायतें दर्ज पाई गईं।
थाना साइबर क्राइम :- व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड करके शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे के नाम पर लगभग 09 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गैंग के 02 अभियुक्त गिरफ्तार। pic.twitter.com/A0P8rglCFL
— POLICE COMMISSIONERATE GAUTAM BUDDH NAGAR (@noidapolice) June 13, 2024