Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट ने पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी और सफल मुहिम चलाई है। 1 जनवरी 2023 से 25 अगस्त 2025 तक के अपने अभियान में पुलिस ने न केवल 130 जटिल मामलों को सुलझाया, बल्कि 227 साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुँचाया और पीड़ितों की 55 करोड़ रुपये से अधिक की गाढ़ी कमाई वापस कराई है। यह सफलता पुलिस के दोहरे दृष्टिकोण—आंतरिक प्रशिक्षण और जन-जागरूकता—का परिणाम है।
आंकड़ों में अभियान की विशालता
पुलिस के इस व्यापक अभियान के परिणाम बेहद प्रभावशाली हैं। इस अवधि में:
130 मामले सुलझाए गए: इनमें डिजिटल अरेस्ट, निवेश धोखाधड़ी और केवाईसी अपडेट जैसे गंभीर अपराध शामिल थे।
227 अभियुक्त गिरफ्तार: इन अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में दबिश दी।
106 करोड़ रुपये से अधिक फ्रीज: अपराधियों के खातों में मौजूद 106 करोड़ 12 लाख 90 हजार 589 रुपये की धनराशि को फ्रीज किया गया।
55 करोड़ रुपये से अधिक लौटाए गए: इसमें से 55 करोड़ 48 लाख 35 हजार 205 रुपये की बड़ी धनराशि को सफलतापूर्वक शिकायतकर्ताओं के खातों में वापस कराया गया।
रणनीति 1: ‘CYTRAIN’ से पुलिस का तकनीकी सशक्तीकरण
साइबर अपराध की बदलती प्रवृत्तियों से निपटने के लिए पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बल के आंतरिक प्रशिक्षण पर जोर दिया। सेक्टर-108 स्थित पुलिस आयुक्त कार्यालय में ‘CYTRAIN’ (साइबर सिक्योरिटी ट्रेनिंग सेशन) का आयोजन किया गया। इस सत्र में अधिकारियों और कर्मचारियों को आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें शामिल हैं:
डिजिटल साक्ष्य कैसे जुटाएं
ऑनलाइन धोखाधड़ी के नए तरीकों की पहचान
डेटा प्रोटेक्शन और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग
फिशिंग और अन्य स्कैम से बचाव की तकनीकें
श्रीमती सिंह ने कहा, “आज के दौर में पुलिस को न केवल पारंपरिक, बल्कि तकनीकी रूप से जटिल साइबर अपराधों से निपटने के लिए प्रशिक्षित होना जरूरी है।”
रणनीति 2: ‘क्या करें, क्या न करें’ का जन-जागरूकता अभियान
पुलिस ने यह समझा कि साइबर अपराध की रोकथाम केवल गिरफ्तारी से नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने से होगी। इसके लिए एक व्यापक अभियान चलाया गया:
शिक्षण संस्थानों और कंपनियों में सत्र: एमिटी और शारदा यूनिवर्सिटी जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ-साथ विभिन्न कंपनियों में जाकर छात्रों और कर्मचारियों को ऑनलाइन सुरक्षा के गुर सिखाए गए।
RWA और AOA के साथ गोष्ठियां: विभिन्न सेक्टरों की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) और अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (AOA) के साथ बैठकें की गईं। सोसायटियों के लिफ्ट, कम्युनिटी हॉल और गेट पर जागरूकता वाले पोस्टर और पम्फलेट लगाए गए।
डिजिटल जागरूकता: व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से टेक्स्ट, वॉयस टिप्स और वीडियो के जरिए प्रतिदिन जागरूकता सामग्री साझा की जा रही है।
अभियान का प्रभाव और भविष्य की चुनौतियां
इस दोहरी रणनीति का स्पष्ट प्रभाव दिखा है। जहां 2024 में राष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराधों में 24% की वृद्धि हुई, वहीं गौतम बुद्ध नगर में डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग, बिजली बिल और केवाईसी अपडेट जैसे अपराधों में कमी दर्ज की गई है।
हालांकि, डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी और डीपफेक जैसी तकनीकें भविष्य की चुनौतियां हैं। इनसे निपटने के लिए गौतम बुद्ध नगर पुलिस अपनी साइबर सेल को डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी तकनीकों से लैस करने की योजना बना रही है।
पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह ने कहा, “हमारा लक्ष्य नशा मुक्त और साइबर अपराध मुक्त समाज बनाना है। जनता का सहयोग और हमारी सतर्कता इसे संभव बनाएगी।” उन्होंने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय थाने या डायल 112 पर दें।