Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: नोएडा के सेक्टर-105 में एक किराए की कोठी में चल रहे पोर्नोग्राफी स्टूडियो पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे के बाद सनसनी फैल गई है। अब स्थानीय पुलिस भी इस मामले की गहन जांच में जुट गई है। पुलिस विशेष रूप से युवतियों को स्ट्रिपचैट मॉडल्स के तौर पर इस्तेमाल करने वाले जालसाज गिरोह, उनके द्वारा की जा रही ठगी और नीदरलैंड के एक बैंक खाते में 7 करोड़ रुपये के संदिग्ध हस्तांतरण की पड़ताल कर रही है। ईडी की इस कार्रवाई के बाद पुलिस ने सेक्टर-105 के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के पदाधिकारियों से जानकारी जुटाने का प्रयास किया, लेकिन कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई है।
किराए के घर में पति-पत्नी चलाते थे स्टूडियो
पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि ‘सुबदीगी वेंचर्स’ नामक कंपनी चलाने वाले उज्जवल रमण और उनकी पत्नी नीलू श्रीवास्तव इस कोठी में किराए पर रह रहे थे। पुलिस के अनुसार, यह कोठी दिल्ली के एक व्यक्ति की है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह दंपत्ति लोगों से ज्यादा घुलते-मिलते नहीं थे, जिसके कारण उनके बारे में किसी को विस्तृत जानकारी नहीं है।
स्ट्रिपचैट से लाखों की कमाई, मॉडल्स का जाल
जांच में सामने आया है कि यह गिरोह स्ट्रिपचैट जैसे प्लेटफॉर्म के लिए मॉडल्स उपलब्ध कराता था। इन मॉडल्स को कॉल की अवधि के आधार पर भुगतान किया जाता था। आशंका है कि इस काम में कॉलेज और मल्टीनेशनल कंपनियों (एमएनसी) में काम करने वाली युवतियों को लालच देकर या ब्लैकमेल करके शामिल किया जाता था। सूत्रों के मुताबिक, इस प्रकार के वीडियो कॉल के रेट काफी ऊंचे होते हैं, जो प्रति मिनट 60 रुपये से लेकर 120 रुपये तक हो सकते हैं। यह भी जानकारी मिली है कि कई बार ये मॉडल्स चैट के बाद दूसरे लोगों को भी ठगी का शिकार बनाती हैं। हाल ही में गाजियाबाद में भी इसी तरह के एक गिरोह को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस कंपनी का नेटवर्क कहां-कहां फैला हुआ था और कितने लोग इसमें शामिल थे।
डच खाते में 7 करोड़, देश में ही निकले
इस मामले में ईडी की जांच में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। जांचकर्ताओं को नीदरलैंड का एक बैंक अकाउंट मिला है, जिसमें 7 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। हैरानी की बात यह है कि यह पूरी रकम इंटरनेशनल डेबिट कार्ड के माध्यम से भारत में ही निकाली गई है। इससे जांच एजेंसियों को संदेह है कि अंतरराष्ट्रीय खाते का इस्तेमाल सिर्फ पैसे को घुमाने और मनी लॉन्ड्रिंग के उद्देश्य से किया जा रहा था।
जांच एजेंसियों को मनी लॉन्ड्रिंग का शक
नीदरलैंड के बैंक खाते से भारत में ही 7 करोड़ रुपये निकाले जाने की घटना ने जांच एजेंसियों का ध्यान मनी लॉन्ड्रिंग की ओर खींच लिया है। अब यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह पैसा कहां से आया, किन माध्यमों से नीदरलैंड भेजा गया और फिर क्यों तुरंत भारत में निकाल लिया गया। पुलिस और ईडी दोनों मिलकर इस पूरे नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने और इस गोरखधंधे में शामिल सभी लोगों को पकड़ने का प्रयास कर रही हैं।