नोएडा: डिजिटल अरेस्ट कर महिला से 84 लाख की ठगी, बैंक कर्मी सहित गिरोह का सदस्य गिरफ्तार

Noida: Woman duped of Rs 84 lakh through digital arrest, gang member including bank employee arrested

Partap Singh Nagar
7 Min Read
नोएडा: डिजिटल अरेस्ट कर महिला से 84 लाख की ठगी, बैंक कर्मी सहित गिरोह का सदस्य गिरफ्तार

Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: नोएडा साइबर क्राइम थाना पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से लोगों को ठगने वाले एक गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने हाल ही में एक महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 84 लाख 16 हजार रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की थी। गिरफ्तार अभियुक्त की पहचान बैंक कर्मी सोनू पाल के रूप में हुई है।

क्या है डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी?

साइबर अपराधी आजकल लोगों को डराने और ठगने के लिए ‘डिजिटल अरेस्ट’ का नया तरीका अपना रहे हैं। इसमें वे अक्सर खुद को पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स या अन्य जांच एजेंसियों का अधिकारी बताकर पीड़ित को वीडियो कॉल करते हैं। वे पीड़ित पर किसी अपराध (जैसे मनी लॉन्ड्रिंग, अवैध पार्सल) में शामिल होने का झूठा आरोप लगाते हैं और जांच के नाम पर उन्हें घर में ही नजरबंद रहने (डिजिटल अरेस्ट) का नाटक करते हैं। इस दौरान वे पीड़ित को डरा-धमकाकर और जांच या सेटलमेंट के नाम पर मोटी रकम वसूल लेते हैं।

घटना का विवरण

पुलिस के अनुसार, पीड़ित महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि साइबर अपराधियों ने उसे फेडएक्स कूरियर कंपनी का प्रतिनिधि बनकर संपर्क किया। उन्होंने दावा किया कि उसके नाम से भेजे गए एक पार्सल में अवैध सामान जैसे 5 ट्रैवलिंग पासपोर्ट, 3 क्रेडिट कार्ड, 1 लैपटॉप, 4 किलो कपड़े, 200 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स और 35,000 रुपये नकद मिले हैं। इसके बाद, अपराधियों ने महिला पर मनी लॉन्ड्रिंग का झूठा केस होने का आरोप लगाकर उसे डराया और डिजिटल अरेस्ट कर लिया। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान उन्होंने पीड़ित से कुल 84,16,979 रुपये ठग लिए। इस मामले में थाना साइबर क्राइम नोएडा में मुकदमा अपराध संख्या-0055/2024, धारा 419, 420 भारतीय दंड विधान और 66डी आई.टी. एक्ट के तहत पंजीकृत किया गया।

पुलिस की जांच और कार्रवाई

शिकायत मिलने के बाद नोएडा साइबर क्राइम थाना पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए लोकल इंटेलिजेंस और गोपनीय सूचनाओं के आधार पर जांच शुरू की। विवेचना के क्रम में धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए संदिग्ध बैंक खातों को तुरंत फ्रीज करा दिया गया। पुलिस टीम ने अथक प्रयास करते हुए दिनांक 30.04.2025 को इस धोखाधड़ी में शामिल बैंक कर्मी सोनू पाल (उम्र लगभग 30 वर्ष) पुत्र चंद्र प्रकाश, निवासी धनाश सेक्टर 14, वेस्ट चंडीगढ़ (स्थायी पता: ग्राम दलावल, पोस्ट सामोली, जनपद सीतापुर, उत्तर प्रदेश) को मोहाली, पंजाब से गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी की भूमिका और कबूलनामा

गिरफ्तार अभियुक्त सोनू पाल ने पूछताछ में बताया कि वह आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, एसएएस नगर, पंजाब में करंट अकाउंट (चालू खाते) खुलवाने का काम करता था। उसने धोखाधड़ी करके एक खाताधारक का खाता खुलवाया और उस खाते की संवेदनशील जानकारी टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से विदेशी नागरिकों (साइबर अपराधियों) को भेज दी। दिनांक 25/06/2024 को पीड़ित महिला द्वारा ठगे गए लगभग 69,78,894 रुपये इसी बैंक खाते में प्राप्त हुए थे। इस काम के लिए सोनू पाल को साइबर अपराधियों से 2 लाख रुपये का कमीशन मिला था।

धन की वापसी और व्यापक धोखाधड़ी का खुलासा

पुलिस ने बताया कि पीड़ित महिला के साथ हुई धोखाधड़ी की रकम में से 21 लाख रुपये फ्रीज कराए जा चुके हैं, जिसमें से 16 लाख रुपये पीड़ित को वापस (रिफंड) कराए जा चुके हैं। बाकी रकम की वापसी के लिए कार्यवाही जारी है। जांच में यह भी पता चला कि सोनू पाल द्वारा खुलवाए गए बैंक खाते के खिलाफ एनसीआरपी (National Cyber Crime Reporting Portal) पर देश भर से कुल 41 शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें महाराष्ट्र (07), कर्नाटक (06), तेलंगाना (05), केरल (04), बिहार (03), गुजरात (03), उत्तर प्रदेश (03), हरियाणा (02), मध्य प्रदेश (02), तमिलनाडु (02), आंध्र प्रदेश (01), नागालैंड (01), पंजाब (01), और पश्चिम बंगाल (01) शामिल हैं। इस मामले में पहले भी 04 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

गिरफ्तारी और बरामदगी

🔸गिरफ्तार अभियुक्त: सोनू पाल पुत्र चंद्र प्रकाश

🔸बरामद सामान: 01 मोबाइल फोन, 12,400 रुपये नकद।

साइबर जागरूकता सुझाव

नोएडा पुलिस ने नागरिकों को इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए हैं:

🔸 अज्ञात नंबरों से आने वाली व्हाट्सएप कॉल या वीडियो कॉल पर तुरंत यकीन न करें, खासकर अगर कॉल करने वाला खुद को पुलिस या किसी अन्य एजेंसी का अधिकारी बताए। गूगल सर्च या संबंधित विभाग की वेबसाइट से नाम और पद की पुष्टि करें।

🔸 कॉल पर बताई गई किसी भी जानकारी (जैसे अवैध पार्सल, मनी लॉन्ड्रिंग) के बारे में निकटतम साइबर सेल या संबंधित विभाग (नारकोटिक्स, फेडेक्स, सीबीआई आदि) के हेल्प डेस्क से जांच करें।

🔸यदि आपने कोई पार्सल नहीं भेजा है और कोई कॉल करके आपके नाम/आधार/मोबाइल नंबर वाले अवैध पार्सल की बात करे, तो यकीन न करें। कानूनी कार्रवाई की धमकी से घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचित करें।

🔸 यदि कोई आपके आधार या नाम पर अनधिकृत बैंक खाता खोले जाने की बात कहे, तो तुरंत संबंधित बैंक जाकर जानकारी लें और ऐसे खाते को बंद करवाएं।

🔸 सरकारी एजेंसियां मनी लॉन्ड्रिंग या हवाला के पैसे के बारे में फोन पर सूचित नहीं करती हैं। ऐसी कॉल पर विश्वास न करें।

🔸 पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के नाम पर खाते की जांच की बात करने वाले निश्चित रूप से साइबर धोखेबाज हो सकते हैं जो आपके पैसे ट्रांसफर कराना चाहते हैं।

🔸यदि कोई आपको व्हाट्सएप कॉल या वीडियो कॉल पर डराए या धमकाए, तो इसकी जानकारी अपने परिवार के सदस्यों या रिश्तेदारों को अवश्य दें।

 

 

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