नोएडा के कैंब्रिज स्कूल डिजिटल रेप मामला: प्रिंसिपल और हेडमिस्ट्रेस हटाए गए, DM ने गठित कीं जांच कमेटी

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नोएडा के कैंब्रिज स्कूल डिजिटल रेप मामला: प्रिंसिपल और हेडमिस्ट्रेस हटाए गए, DM ने गठित कीं जांच कमेटी


Noida News :
नोएडा के सेक्टर 27 स्थित कैंब्रिज स्कूल में 4 वर्ष की छात्रा के साथ हुए डिजिटल रेप मामले में स्कूल प्रबंधन ने प्रिंसिपल प्रीति सिरोही और हेडमिस्ट्रेस को हटा दिया है। यह निर्णय अभिभावकों के हंगामे के बाद लिया गया, जब गौतम बुद्ध के जिला विद्यालय निरीक्षक डॉक्टर धर्मवीर सिंह ने स्कूल का दौरा किया। उन्होंने बताया कि जांच जारी है और यदि प्रिंसिपल और हेडमिस्ट्रेस की लापरवाही सामने आती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जांच समिति का गठन

गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है। डीएम ने बताया कि कमेटी को एक सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा। अभिभावकों ने डीएम से मुलाकात कर स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है।

अभिभावकों का प्रदर्शन

इस घटना के बाद, अभिभावकों ने स्कूल के गेट पर धरना प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल ने लापरवाही बरती है। अभिभावकों का कहना है कि उन्हें अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है, लेकिन स्कूल प्रशासन पर उनका विश्वास नहीं है। प्रिंसिपल से मिलने की कोशिश करने के बावजूद, वह अभिभावकों से नहीं मिलीं।

गिरफ्तारी और कानूनी प्रक्रिया

इस मामले में मुख्य आरोपी, हाउसकीपिंग स्टाफ नित्यानंद, को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। हालाँकि, क्लास टीचर मधु और स्कूल के कार्यालय प्रशासक दया महतो को जमानत मिल गई है, जिससे पीड़ित परिवार नाखुश है। अभिभावकों का आरोप है कि पुलिस ने मामले की सही से जांच नहीं की, जिसके कारण आरोपियों को जल्दी जमानत मिल गई।

महिला आयोग की कार्रवाई

उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए एक सदस्यीय टीम को जांच के लिए भेजा है। उन्होंने कहा कि यदि मामले की सच्चाई सामने आती है, तो आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन और कुछ अधिकारी मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, और इस एंगल से भी जांच की जाएगी।

यह मामला न केवल एक गंभीर अपराध को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। सभी संबंधित अधिकारियों को इस मामले में उचित कार्रवाई करनी होगी ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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