Greater Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: उत्तर प्रदेश में हुए एक बड़े प्रशासनिक फेरबदल के तहत, 2014 बैच की तेजतर्रार IAS अधिकारी मेधा रूपम को गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) जैसे महत्वपूर्ण जिले की कमान सौंपी गई है। कासगंज की जिलाधिकारी के तौर पर अपनी पहचान बना चुकीं मेधा रूपम की यह नियुक्ति इसलिए भी खास है क्योंकि उनका ताल्लुक एक ऐसे परिवार से है, जिसकी कई पीढ़ियां देश की सेवा में समर्पित हैं। उनके पिता हाल ही में नियुक्त हुए भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार हैं।
नोएडा की नई जिलाधिकारी का शानदार करियर
साल 1990 में जन्मी मेधा रूपम ने अपनी प्रशासनिक यात्रा 2014 में शुरू की थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की। उन्हें शुरुआत में AGMUT कैडर आवंटित हुआ था, लेकिन 2013 बैच के IAS अधिकारी मनीष बंसल से विवाह के बाद उन्हें पति के कैडर के आधार पर उत्तर प्रदेश कैडर में स्थानांतरित कर दिया गया।
प्रशासनिक जिम्मेदारियों से इतर, मेधा रूपम एक राष्ट्रीय स्तर की राइफल शूटर भी रही हैं और स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। बरेली में सहायक मजिस्ट्रेट के रूप में अपनी पहली पोस्टिंग से लेकर कासगंज के जिलाधिकारी तक के सफर में उन्होंने अपनी कार्यकुशलता का लोहा मनवाया है। अब नोएडा के डीएम के तौर पर उन पर इस औद्योगिक और शहरी केंद्र के विकास को नई गति देने की अहम जिम्मेदारी होगी।
एक परिवार, कई अफसर
मेधा रूपम का परिवार प्रशासनिक अधिकारियों से भरा पड़ा है। उनके पिता, ज्ञानेश कुमार, 1988 बैच के केरल कैडर के IAS अधिकारी रहे हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त बनने से पहले उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राम मंदिर ट्रस्ट के गठन जैसे महत्वपूर्ण सरकारी फैसलों में अहम भूमिका निभाई थी।
मेधा के पति, मनीष बंसल, 2013 बैच के IAS अधिकारी हैं और वर्तमान में सहारनपुर के जिलाधिकारी के पद पर तैनात हैं। यह ‘IAS पावर कपल’ उत्तर प्रदेश के दो महत्वपूर्ण जिलों का नेतृत्व कर रहा है।
यही नहीं, मेधा की छोटी बहन, अभिश्री, भी 2017 बैच की भारतीय राजस्व सेवा (IRS) की अधिकारी हैं। उनके पति, यानी ज्ञानेश कुमार के छोटे दामाद, अक्षय लबरू, भी एक IAS अधिकारी हैं और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में सूचना विभाग के निदेशक के तौर पर कार्यरत हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्ञानेश कुमार के भाई भी 1991 बैच के IAS अधिकारी हैं और उनके बहनोई 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। यह परिवार देश की सिविल सेवाओं में अपनी गहरी जड़ों और सेवा की प्रतिबद्धता का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है।