गौतमबुद्धनगर में पंचायत परिसीमांकन तेज: प्राधिकरणों से 82 गांवों के परिसीमांकन पर मांगी गई आपत्तियां, शहरी सीमा में आने वाले गांवों पर संशय बरकरार

Panchayat demarcation accelerates in Gautam Buddha Nagar: Objections sought from authorities on demarcation of 82 villages, uncertainty persists over villages falling within urban limits

Partap Singh Nagar
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गौतमबुद्धनगर में पंचायत परिसीमांकन तेज: प्राधिकरणों से 82 गांवों के परिसीमांकन पर मांगी गई आपत्तियां, शहरी सीमा में आने वाले गांवों पर संशय बरकरार

Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: गौतमबुद्धनगर: पंचायत चुनावों की तैयारियों के बीच जिले में 82 ग्राम पंचायतों के परिसीमांकन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इसी क्रम में पंचायत विभाग ने जिले के तीनों प्रमुख प्राधिकरणों — नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण — के साथ-साथ नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों से इन गांवों को लेकर आपत्तियां मांगी हैं।

विभाग ने एक पत्र जारी कर सभी प्राधिकरणों को निर्देश दिया है कि वे स्पष्ट करें कि इन 82 गांवों में से कोई गांव या उसका कोई हिस्सा उनके शहरी क्षेत्राधिकार में आता है या नहीं। यदि कोई गांव उनके क्षेत्र में सम्मिलित हो चुका है, तो उसकी सूचना तुरंत जिला प्रशासन को दी जाए ताकि परिसीमांकन प्रक्रिया में उसे हटाया जा सके।

शहरीकरण के चलते परिसीमांकन चुनौतीपूर्ण

गौतमबुद्धनगर जिले में शहरीकरण की रफ्तार तेज होने के चलते कई गांव अब नगर निकायों की सीमाओं में शामिल हो चुके हैं। नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत विकसित हो रहे ‘न्यू नोएडा’ क्षेत्र में दादरी ब्लॉक और जेवर तहसील के कई गांव भी शामिल हैं। इस वजह से इन गांवों में पंचायत चुनाव होंगे या नहीं, इसको लेकर लोगों में भ्रम बना हुआ है।

आपत्तियों के बाद होगा अंतिम परिसीमांकन

जिला पंचायत राज अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सभी संबंधित विभागों को पत्र भेजा जा चुका है और उनसे सात दिनों के भीतर आपत्तियां मांगी गई हैं। यदि किसी गांव के चुनाव या क्षेत्राधिकार को लेकर कोई विवाद या आपत्ति आती है, तो उसी के आधार पर अंतिम परिसीमांकन तय किया जाएगा।

नागरिकों की भागीदारी जरूरी

परिसीमांकन की इस प्रक्रिया में ग्रामीणों की भी भागीदारी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यदि कोई ग्रामीण यह मानता है कि उसका गांव नगर पालिका या नगर पंचायत की सीमा में शामिल हो चुका है, तो वे भी संबंधित प्राधिकरण या पंचायत विभाग को जानकारी दे सकते हैं।

 

 

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