Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो खाली पड़े मकानों और प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्री तैयार कर उन पर अवैध कब्जा करता था। इस मामले में चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके तार गाजियाबाद जेल से जुड़े हैं।
कार्रवाई का विस्तृत विवरण
गौतमबुद्ध नगर में अपराध नियंत्रण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए, डीसीपी सेंट्रल नोएडा, शक्ति मोहन अवस्थी के नेतृत्व में थाना फेस-2 पुलिस ने एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह लंबे समय से फर्जी दस्तावेज तैयार कर मकानों और प्लॉटों पर अवैध कब्जा करने जैसी गंभीर वारदातों को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने मैनुअल इंटेलिजेंस और गोपनीय सूचना के आधार पर 1 जून 2025 को सेक्टर-81, नोएडा के सलारपुर खादर स्थित शिवशक्ति एन्क्लेव से चार अभियुक्तों—शिवा उर्फ शिबू, दिनेश, ज्ञानेन्द्र उर्फ ज्ञानी, और राजवीर—को गिरफ्तार किया।
ऐसे करते थे प्रॉपर्टी पर कब्जा
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि यह गिरोह अत्यंत योजनाबद्ध तरीके से अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता था। सबसे पहले, गिरोह के सदस्य खाली पड़े प्लॉटों और मकानों की पहचान करते थे। इसके बाद, वे उन संपत्तियों के कूटरचित दस्तावेज तैयार करते थे। एक पीड़ित ने थाना फेस-2 में शिकायत दर्ज कराई थी कि इन अभियुक्तों ने उसके मकान के फर्जी कागजात बनाकर राजवीर को मकान का मालिक दर्शाया और फिर उस रजिस्ट्री को दिनेश की पत्नी नेहा के नाम कर दिया। पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि इस गिरोह ने एक मामले में मात्र 22,000 रुपये में 100 गज के प्लॉट की फर्जी रजिस्ट्री कर दी थी। इनका मकसद होता था कि रजिस्ट्री के बाद मामला सिविल विवाद का रूप ले ले, जिससे पीड़ित या तो परेशान होकर अपनी संपत्ति छोड़ दे या फिर कम दामों में गिरोह को ही बेचने पर विवश हो जाए।
जेल से बना आपराधिक गठजोड़
पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि शिवा उर्फ शिबू, दिनेश, और ज्ञानेन्द्र उर्फ ज्ञानी की मुलाकात गाजियाबाद जेल में हुई थी, जहाँ वे विभिन्न आपराधिक मामलों में सजा काट रहे थे। जेल से रिहा होने के बाद इन तीनों ने मिलकर प्रॉपर्टी डीलिंग के नाम पर यह अवैध धंधा शुरू किया। शिवा उर्फ शिबू गिरोह में प्रॉपर्टी डीलर की भूमिका निभाता था, जबकि दिनेश और ज्ञानेन्द्र ग्राहकों को फांसने और लाने का काम करते थे। राजवीर, जो शराब का आदी है, को इस साजिश में शामिल कर उसके नाम पर फर्जी रजिस्ट्री तैयार की जाती थी।
गिरफ्तार अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास
🔸शिवा उर्फ शिबू (39 वर्ष): ग्राम दुजाना, गौतमबुद्धनगर निवासी। हत्या के एक मामले में 2007 से 2019 तक गाजियाबाद जेल में बंद रहा। इसके विरुद्ध हत्या, आर्म्स एक्ट, और वर्तमान मामले में विभिन्न धाराओं के तहत अभियोग दर्ज हैं।
🔸 दिनेश (35 वर्ष): इन्द्रापुरी, मोदीनगर, गाजियाबाद निवासी। 2009-2010 और 2012-2022 तक विभिन्न मामलों में जेल में रहा। यह गैंगस्टर एक्ट, हत्या, और अन्य अपराधों में संलिप्त रहा है।
🔸ज्ञानेन्द्र उर्फ ज्ञानी (35 वर्ष): ग्राम रोरी, मोदीनगर, गाजियाबाद निवासी। 2021-2022 तक गाजियाबाद जेल में बंद रहा। यह चोरी, मारपीट, और अन्य अपराधों में शामिल रहा है।
🔸 राजवीर (52 वर्ष): सलारपुर, नोएडा निवासी। शराब का आदी है और इस मामले में पहली बार किसी आपराधिक गतिविधि में संलिप्त पाया गया है।
पुलिस की अग्रिम कार्रवाई
गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट ने इस सफल कार्रवाई से न केवल एक संगठित अपराधी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, बल्कि आम नागरिकों की संपत्ति की सुरक्षा के प्रति अपनी कटिबद्धता को भी पुनः साबित किया है। पुलिस ने इस संबंध में मु0अ0सं0 256/2025 के तहत विभिन्न सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया है और मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि गिरोह के अन्य सदस्यों और इनके द्वारा की गई अन्य वारदातों का भी पता लगाया जा सके।