Haridwar / भारतीय टॉक न्यूज : प्रणव सिंह चैंपियन को 26 जनवरी 2025 को हुए खानपुर फायरिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस घटना में उन्होंने कथित तौर पर विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पर गोलीबारी की थी, जिसके बाद उन्हें 27 जनवरी को हरिद्वार कोर्ट में पेश किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। उनकी हिरासत की अवधि पहले 20 फरवरी तक थी, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से गुरुवार को कोर्ट में पेशी नहीं हो सकी। हरिद्वार कोर्ट ने उनकी अनुपस्थिति में रिमांड को 7 दिन और बढ़ाते हुए 27 फरवरी तक के लिए स्वीकार किया। चैंपियन के वकील गोपाल चतुर्वेदी ने बताया कि तबीयत खराब होने के कारण कोर्ट में पेशी टल गई थी।
BREAKING: हरिद्वार: प्रणव सिंह चैंपियन की न्यायिक रिमांड 27 फरवरी तक बढ़ी, जिला अस्पताल में इलाज जारी। CMO और प्रशासन स्थिति पर स्पष्ट नहीं, चैंपियन अस्पताल में ही जमे हैं।@haridwarpolice @PranavChampion
— Bharatiya Talk (भारतीय टॉक न्यूज़) (@BTalknews) February 20, 2025
स्वास्थ्य स्थिति और अस्पताल में इलाज
चैंपियन को 15 फरवरी से हरिद्वार जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी तबीयत खराब होने के कारण मेडिकल बोर्ड ने चार डॉक्टरों की टीम गठित की है, जिसमें रुड़की सरकारी अस्पताल के सर्जन डॉ. प्रणव प्रताप भी शामिल हैं । हालांकि, कुछ टेस्ट रिपोर्ट्स अभी भी लंबित हैं, जिससे उनकी वास्तविक स्वास्थ्य स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि चैंपियन की डिस्चार्ज प्रक्रिया तब तक शुरू नहीं होगी, जब तक सभी रिपोर्ट्स नहीं आ जातीं ।
विवाद की पृष्ठभूमि
यह विवाद 26 जनवरी 2025 को रुड़की में हुई गोलीबारी और गाली-गलौज की घटना से शुरू हुआ। प्रणव सिंह चैंपियन ने उमेश कुमार के कार्यालय पर गोलियां चलाईं, जबकि उमेश कुमार ने भी जवाबी कार्रवाई की। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे उत्तराखंड की छवि को गंभीर नुकसान हुआ ।
दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है। 2022 में उमेश कुमार ने चैंपियन की पत्नी को हराकर खानपुर सीट जीती थी, जिसके बाद से दोनों के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं ।
हाईकोर्ट की चिंताएं और निर्देश
हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार की ओर से की गई कार्रवाई पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि दोनों नेताओं को भारी सुरक्षा दी गई है, जबकि उनके खिलाफ विभिन्न अदालतों में 19-19 मुकदमे लंबित हैं। कोर्ट ने दोनों के हथियार लाइसेंस रद्द करने और उनकी सुरक्षा समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं ।
इसके अलावा, कोर्ट ने जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और घटना से संबंधित वीडियो क्लिप, आपराधिक रिकॉर्ड और कार्रवाई रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है ।
प्रशासन और CMO की भूमिका पर सवाल
जिला अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस डॉ. विकासदीप ने चैंपियन के स्वास्थ्य को लेकर अस्पष्टता जताई है। उन्होंने कहा कि “रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी” । इस बीच, प्रशासनिक स्तर पर भी उलझन देखी गई है। नैनीताल हाई कोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस और प्रशासन से जवाब मांगा है ।
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