Gautam Buddh Nagar / BharatiyaTalk News: अमर उजाला में आज प्रकाशित एक खबर के अनुसार, न्यू नोएडा अधिसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 20 गांवों में पंचायत पुनर्गठन की प्रक्रिया को बंद किया जा रहा है। इस निर्णय से कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े होते हैं, जिनका जवाब शासन और प्रशासन को देना चाहिए।
🔸 क्या केवल 20 गांव अधिसूचित हैं? यह स्पष्ट नहीं है कि न्यू नोएडा अधिसूचित क्षेत्र में गौतम बुद्ध नगर के केवल 20 गांव ही शामिल हैं। यदि इस क्षेत्र में अन्य जनपदों के गांव भी हैं, तो क्या उन क्षेत्रों में भी पंचायत पुनर्गठन बंद किया जाएगा?
🔸 बादलपुर में पंचायत पुनर्गठन क्यों नहीं रुका? पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख सुश्री मायावती जी का पैतृक गांव बादलपुर बसपा शासनकाल में ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित किया गया था और यहां भूमि अधिग्रहण भी हो चुका है। इसके बावजूद, इस गांव में आज तक पंचायत पुनर्गठन क्यों नहीं बंद किया गया? यह एक बड़ा सवाल है।
🔸यमुना प्राधिकरण के 1144 गांवों का क्या होगा? यमुना प्राधिकरण द्वारा विभिन्न जनपदों के 1144 गांवों को अधिसूचित किया गया है। क्या इन सभी गांवों में पंचायत पुनर्गठन की प्रक्रिया बंद कर दी गई है? यदि हां, तो इसका क्या आधार है?
🔸 जिन गांवों में अधिग्रहण नहीं हुआ, उनका क्या? ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 28 जनवरी 1991 को कुछ गांवों को अधिसूचित किया था, जैसे मिलक लच्छी, रोजा जलालपुर, सादुल्लापुर, वैदपुरा, लेकिन आज तक इनकी एक इंच भूमि भी अधिग्रहित नहीं की गई है। क्या इन गांवों में पंचायत पुनर्गठन बंद करना कानूनी रूप से सही है?
🔸 औद्योगिक नगरी क्षेत्र की अधिसूचना क्यों नहीं? इंडस्ट्रियल एक्ट 1975 के अनुसार, औद्योगिक प्राधिकरण क्षेत्र में ग्राम पंचायत का पुनर्गठन नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके लिए अधिसूचित गांवों को औद्योगिक नगरी क्षेत्र घोषित करने के लिए सेंट्रल इंडस्ट्रियल एक्ट 1975 को प्रदेश की विधानसभा द्वारा पारित करना आवश्यक है। 24 दिसंबर 2001 को नोएडा और ग्रेटर नोएडा के केवल 207 गांवों के लिए पंचायत पुनर्गठन बंद करने का अध्यादेश जारी किया गया था। नए गांवों को जोड़ने के लिए क्या विधानसभा में दोबारा प्रस्ताव पारित नहीं होना चाहिए?
🔸अन्य प्राधिकरणों में पुनर्गठन जारी, न्यू नोएडा में क्यों नहीं? नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण सहित उत्तर प्रदेश में 9 औद्योगिक प्राधिकरण हैं। अन्य 6 औद्योगिक प्राधिकरणों के अधिसूचित क्षेत्रों को औद्योगिक नगरीय क्षेत्र घोषित नहीं किया गया है और वहां पंचायत पुनर्गठन कराया जा रहा है। हाल ही में गठित न्यू नोएडा भी एक अलग औद्योगिक प्राधिकरण है। इसके अधिसूचित क्षेत्र के गांवों को औद्योगिक नगरीय क्षेत्र घोषित करने के लिए औद्योगिक एक्ट 1975 को विधानसभा में पारित नहीं किया गया है, तो यहां पंचायत पुनर्गठन बंद करना क्या कानूनन उचित होगा?
यह महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन पर शासन-प्रशासन को ध्यान देना चाहिए और स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। -कर्मवीर नागर प्रमुख, 9899408589
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