गौतम बुद्ध नगर में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को राहत: कैशलेस उपचार योजना में मंगलेश दुबे बने शिकायत निवारण अधिकारी

Relief to road accident victims in Gautam Buddha Nagar: Mangalesh Dubey becomes grievance redressal officer in cashless treatment scheme

Partap Singh Nagar
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गौतम बुद्ध नगर में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को राहत: कैशलेस उपचार योजना में मंगलेश दुबे बने शिकायत निवारण अधिकारी

 

Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: गौतम बुद्ध नगर में अब सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को तुरंत और मुफ्त इलाज मिल सकेगा। केंद्र सरकार की कैशलेस उपचार योजना को जिले में प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने इस योजना के सुचारू संचालन और जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) मंगलेश दुबे को शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किया है।

क्या है कैशलेस उपचार योजना?

यह योजना भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 162 के तहत शुरू की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटना के ‘गोल्डन ऑवर’ यानी पहले एक घंटे के भीतर घायल को त्वरित और मुफ्त इलाज देकर मृत्यु दर को कम करना है।

एआरटीओ उदित नारायण पाण्डेय के अनुसार, यह योजना सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल है और सरकार का लक्ष्य है कि इससे मृत्यु दर को 50% तक घटाया जा सके।

योजना की मुख्य बातें:

पात्रता: भारत में कहीं भी सड़क पर हुई किसी भी मोटर वाहन दुर्घटना में घायल व्यक्ति को, जिसे ट्रॉमा या पॉली-ट्रॉमा की जरूरत हो, योजना के तहत मुफ्त इलाज मिलेगा।

उपचार: सूचीबद्ध अस्पतालों (जैसे आयुष्मान भारत के अंतर्गत आने वाले) में बिना किसी अग्रिम भुगतान के इलाज किया जाएगा।

कवरेज:

🔸गंभीर चोटों के मामले में 7 दिन तक मुफ्त इलाज या अधिकतम ₹1.5 लाख तक का खर्च कवर किया जाएगा।

हिट एंड रन मामलों में:

🔸मृत्यु होने पर ₹2 लाख की सहायता।

🔸गंभीर रूप से घायल होने पर ₹50,000 तक की सहायता राशि।

शिकायत समाधान और संपर्क:

अब इस योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत के लिए जिले के मंगलेश दुबे, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) से संपर्क किया जा सकता है। उन्हें इस योजना के तहत आने वाली सभी शिकायतों के त्वरित समाधान की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

दावा प्रक्रिया (Claim Process):

हिट एंड रन मामलों में मुआवजा पाने के लिए पीड़ित या उनके परिजन hitandrunschemeclaims@gicouncil.in पर संपर्क कर फॉर्म-1 और फॉर्म-4 डाउनलोड कर सकते हैं। फॉर्म भरने के बाद इन्हें संबंधित जांच अधिकारी को जमा करना होगा। दावा स्वीकृत होने पर 15 से 45 दिनों के भीतर ई-पेमेंट के माध्यम से राशि भेज दी जाएगी।

जिलाधिकारी का संदेश:

जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को समय पर जीवनरक्षक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। हम सभी नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि वे सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

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