MadhyaPradesh SiyaramBaba News : नर्मदा नदी के तट पर बसे खरगौन में रहने वाले संत सियाराम बाबा का 11 दिसंबर, 2024 को मोक्षदा एकादशी के पावन दिन निधन हो गया। वे 110 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह गए।
एक संत का जीवन
संत सियाराम बाबा ने अपना जीवन तपस्या और भक्ति में लगा दिया था। उन्होंने 10 साल तक खड़े रहकर मौन व्रत रखा और 70 सालों तक लगातार रामचरित मानस का पाठ किया। वे अपने आश्रम में 10 रुपये से अधिक का दान स्वीकार नहीं करते थे।
अंतिम यात्रा
बाबा पिछले 10 दिनों से निमोनिया से पीड़ित थे। उनका निधन बुधवार सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर हुआ। उनका अंतिम संस्कार नर्मदा नदी के किनारे भटयान आश्रम क्षेत्र में शाम 4 बजे किया गया। इस दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी उपस्थित रहे।
अनुयायियों का शोक
संत सियाराम बाबा के अनुयायियों के लिए यह एक बड़ा आघात है। देशभर में उनके अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई है। बाबा का असली नाम किसी को पता नहीं था। वे 1933 से नर्मदा किनारे रहकर तपस्या कर रहे थे।
एक प्रेरणा
संत सियाराम बाबा एक प्रेरणा थे। उन्होंने अपने जीवन से हमें सिखाया कि भक्ति और तपस्या से जीवन को कैसे सार्थक बनाया जा सकता है। वे हमेशा लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।