भारत में सेमीकंडक्टर क्रांति: जेवर हवाई अड्डे के पास एचसीएल-फॉक्सकॉन की नई इकाई को कैबिनेट की मंजूरी, आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम

Semiconductor revolution in India: Cabinet approves new HCL-Foxconn unit near Jewar airport, another step towards self-reliance

Partap Singh Nagar
4 Min Read
भारत में सेमीकंडक्टर क्रांति: जेवर हवाई अड्डे के पास एचसीएल-फॉक्सकॉन की नई इकाई को कैबिनेट की मंजूरी, आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम

 

Delhi News/  Bharatiya Talk News : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत उत्तर प्रदेश में एक और सेमीकंडक्टर इकाई की स्थापना को हरी झंडी दे दी है। यह महत्वपूर्ण निर्णय देश को चिप निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक सेमीकंडक्टर मानचित्र पर भारत की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम है। यह नई इकाई, एचसीएल (HCL) और फॉक्सकॉन (Foxconn) के संयुक्त उद्यम के रूप में स्थापित की जाएगी, जो जेवर हवाई अड्डे के पास यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में आकार लेगी।

सेमीकंडक्टर हब बनने की ओर अग्रसर भारत

केंद्रीय मंत्रिमंडल का यह फैसला भारत के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत करेगा। देश में पहले से ही पांच सेमीकंडक्टर इकाइयां निर्माण के उन्नत चरणों में हैं, और इस छठी इकाई के जुड़ने से भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस उद्योग को विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एचसीएल, जिसके पास हार्डवेयर विकास और निर्माण का लंबा अनुभव है, और फॉक्सकॉन, जो इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र में एक वैश्विक दिग्गज है, का यह संयुक्त उपक्रम इस परियोजना के लिए विशेषज्ञता और पैमाने का एक शक्तिशाली संयोजन लेकर आया है।

डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का होगा निर्माण

यह नई इकाई मुख्य रूप से डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी। ये चिप्स मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) और विभिन्न डिस्प्ले-आधारित उपकरणों के लिए महत्वपूर्ण घटक हैं। संयंत्र को प्रति माह 20,000 वेफर्स की प्रसंस्करण क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है, जिससे प्रति माह 36 मिलियन यूनिट का डिजाइन आउटपुट प्राप्त होने की उम्मीद है। यह उत्पादन क्षमता घरेलू बाजार की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने और आयात पर निर्भरता कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

आत्मनिर्भर भारत को मिलेगी मजबूती

भारत में लैपटॉप, मोबाइल फोन, सर्वर, चिकित्सा उपकरण, बिजली इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है, जिससे सेमीकंडक्टर की मांग में लगातार इजाफा हो रहा है। यह नई इकाई प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को और सशक्त करेगी। इस परियोजना पर लगभग 3,700 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश होने की उम्मीद है, जो न केवल विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाएगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।

एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र का विकास

भारत सरकार सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपना रही है। देश भर के कई राज्यों में विश्व स्तरीय डिजाइन सुविधाएं उपलब्ध हैं, और राज्य सरकारें डिजाइन फर्मों को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही हैं। इसके अतिरिक्त, 270 शैक्षणिक संस्थानों और 70 स्टार्टअप में छात्र और उद्यमी नवीनतम डिजाइन तकनीकों का उपयोग करके नए उत्पादों के विकास पर काम कर रहे हैं। इन शैक्षणिक संस्थानों द्वारा विकसित 20 उत्पादों को एससीएल मोहाली द्वारा सफलतापूर्वक टेप आउट (डिजाइन सत्यापन और मान्यता प्रक्रिया) किया जा चुका है।

इसके अलावा, सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए आवश्यक उपकरणों और सामग्रियों की आपूर्ति श्रृंखला भी भारत में मजबूत हो रही है। एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च जैसे दो सबसे बड़े उपकरण निर्माताओं की अब भारत में उपस्थिति है। साथ ही, मर्क, लिंडे, एयर लिक्विड, आईनॉक्स और कई अन्य गैस और रासायनिक आपूर्तिकर्ता भी भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास में योगदान देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

यह नई सेमीकंडक्टर इकाई न केवल भारत की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाएगी बल्कि आर्थिक विकास को भी गति देगी, जिससे देश वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र बनने के अपने लक्ष्य के करीब पहुंच जाएगा।

 

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