Greater Noida / Bharatiya Talk News: शारदा यूनिवर्सिटी की बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा द्वारा आत्महत्या करने की दुखद घटना ने पूरे परिसर में सनसनी फैला दी है। छात्रा ने अपने पीछे छोड़े गए सुसाइड नोट में दो शिक्षकों — डॉ. महिंदर सिंह चौहान और डॉ. शैरी वशिष्ठ — को सीधे तौर पर अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है।
छात्रों का आरोप है कि पीड़िता को लंबे समय से मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था और जब उसने मदद की गुहार लगाई, तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया। छात्रा की आत्महत्या के बाद विश्वविद्यालय परिसर में सैकड़ों छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
स्थिति उस समय और तनावपूर्ण हो गई जब शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि छात्र ‘न्याय दो’ के नारे लगा रहे थे, लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग कर प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की।
यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (UDF) के मेडिकल स्टूडेंट सेक्रेटरी अरिन दीक्षित ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह केवल एक आत्महत्या नहीं, बल्कि सिस्टम की असफलता है। दो शिक्षकों के नाम सुसाइड नोट में होने के बावजूद प्रशासन चुप है और न्याय की मांग कर रहे छात्रों पर पुलिस का बल प्रयोग शर्मनाक है।”
यह घटना सिर्फ एक छात्रा की मौत नहीं, बल्कि पूरे शैक्षणिक सिस्टम पर सवाल खड़ा करती है — जहां न तो मानसिक स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त व्यवस्था है और न ही पीड़ित की बात सुनने वाला कोई मंच। छात्र समुदाय अब पारदर्शी जांच, दोषियों पर सख्त कार्रवाई और मजबूत मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रणाली की माँग कर रहा है।
जांच जारी है। लेकिन क्या इस बार सिस्टम सच में जवाबदेह बनेगा?
Greater Noida: शारदा यूनिवर्सिटी की डेंटल स्टूडेंट ज्योति शर्मा ने आत्महत्या कर ली। @Uppolice @dgpup
एक बेटी सिस्टम से हार गई! @NCWIndia @UMahilaayog
🔹 शारदा यूनिवर्सिटी की BDS स्टूडेंट ज्योति शर्मा ने आत्महत्या की।
🔹 सुसाइड नोट में डेंटल विभाग, PCP टीचर, महेंद्र, शेयरिंग… pic.twitter.com/jBdKtqLqJu— BT News |Bharatiya Talk| (@BharatiyaTalk) July 19, 2025