हैरान करने वाला मामला: कंपनी सुपरवाइजर निकला शातिर वाहन चोर, चोरी की कारों से कमा रहा था मोटी रकम, पुलिस के हत्थे चढ़ा सुपरवाइजर चोर

Shocking case: Company supervisor turned out to be a shrewd vehicle thief, was earning huge money from stolen cars, supervisor thief caught by police

Bharatiya Talk
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हैरान करने वाला मामला: कंपनी सुपरवाइजर निकला शातिर वाहन चोर, चोरी की कारों से कमा रहा था मोटी रकम, पुलिस के हत्थे चढ़ा सुपरवाइजर चोर

 

Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: सेक्टर 58 कोतवाली पुलिस ने एक ऐसे वाहन चोर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है, जिसकी करतूत जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। यह चोर किसी और कंपनी का नहीं, बल्कि उसी कंपनी का सुपरवाइजर निकला जिसमें वह नौकरी करता था। आरोपी मौका पाकर वाहन चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था और फिर उन्हीं चोरी की कारों को अपनी कंपनी में इस्तेमाल करके मोटी कमाई करता था। पुलिस ने आरोपी की पहचान योगेंद्र के रूप में की है, जो मूल रूप से फिरोजाबाद का रहने वाला है।

सेक्टर 137 की कंपनी में करता था सुपरवाइजर की नौकरी

पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी योगेंद्र नोएडा के सेक्टर 137 स्थित एक कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत था। पुलिस ने उसे एक आर्टिगा कार (नंबर एचआर 38 एएफ 9713) के साथ गिरफ्तार किया। जब पुलिस ने कार के नंबर को ट्रैक किया तो वह फर्जी निकला। सख्ती से पूछताछ करने पर योगेंद्र ने बताया कि यह कार उसने 27 फरवरी को थापर गेट के पास से चोरी की थी। उसने कार की लोकेशन ट्रैक न हो सके, इसलिए उसमें लगा जीपीएस सिस्टम निकालकर फेंक दिया था। इसके बाद उसने कार की असली नंबर प्लेट निकालकर उस पर फर्जी नंबर प्लेट लगा दी और फिर उस कार को अपनी कंपनी में लगवा दिया।

बरामद हुई चोरी की एक और स्विफ्ट डिजायर कार

पुलिस ने आरोपी योगेंद्र के पास से एक और चोरी की कार बरामद की है। यह एक स्विफ्ट डिजायर कार है, जिसे सेक्टर 55 से बरामद किया गया। पूछताछ में पता चला कि यह कार साल 2023 में थाना सेक्टर 58 क्षेत्र के पानी की टंकी के पास से चोरी हुई थी। इस कार पर भी आरोपी ने फर्जी नंबर प्लेट (यूपी 14 एसटी 8075) लगा रखी थी। आरोपी ने इन दोनों चोरी की कारों का हुलिया बदलकर उन्हें अपनी कंपनी में लगा दिया था।

चोरी की कारों से हो रही थी मोटी कमाई

पुलिस ने बताया कि आरोपी योगेंद्र इन दोनों चोरी की कारों का इस्तेमाल अपनी कंपनी में लॉजिस्टिक और स्टाफ को लाने-जाने के काम में कर रहा था। इस तरह इन कारों के माध्यम से उसकी अच्छी खासी आमदनी हो रही थी। फिलहाल पुलिस आरोपी योगेंद्र के आपराधिक इतिहास की भी जांच कर रही है ताकि यह पता चल सके कि वह पहले भी इस तरह की वारदातों में शामिल रहाहै या नहीं।

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