New Delhi/ भारतीय टॉक न्यूज़: भारत में लगभग पांच वर्षों से प्रतिबंधित लोकप्रिय शॉर्ट-वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक की वापसी को लेकर एक बार फिर अटकलें तेज हो गई हैं। शुक्रवार को देश भर के कई उपयोगकर्ताओं ने पाया कि वे टिकटॉक की आधिकारिक वेबसाइट (TikTok.com) को बिना किसी वीपीएन (VPN) के एक्सेस कर पा रहे हैं। 2020 में राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से प्रतिबंधित होने के बाद यह पहला मौका है, जब प्लेटफॉर्म की वेबसाइट भारतीय इंटरनेट पर सीधे तौर पर काम कर रही है।
क्या है मौजूदा स्थिति?
शुक्रवार शाम से ही सोशल मीडिया पर कई उपयोगकर्ताओं ने टिकटॉक वेबसाइट के स्क्रीनशॉट साझा करने शुरू कर दिए, जिससे पूर्व उपयोगकर्ताओं और कंटेंट क्रिएटर्स के बीच उत्साह की लहर दौड़ गई। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह प्लेटफॉर्म की पूर्ण वापसी नहीं है। टिकटॉक का मोबाइल एप्लिकेशन अभी भी गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध नहीं है। इसका मतलब है कि नए उपयोगकर्ता ऐप डाउनलोड नहीं कर सकते और पुराने उपयोगकर्ता इसे अपडेट नहीं कर सकते। फिलहाल, वेबसाइट पर केवल पुराने वीडियो देखे जा सकते हैं, लेकिन वीडियो बनाने या अपलोड करने जैसी मुख्य सुविधाएं अनुपलब्ध हैं।
क्यों लगा था 2020 में प्रतिबंध?
याद दिला दें कि जून 2020 में भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव चरम पर था। इसी दौरान, भारत सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A का उपयोग करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा बताते हुए टिकटॉक सहित 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि ये ऐप्स “ऐसी गतिविधियों में लगे हुए थे जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक हैं।” सरकार को चिंता थी कि ये ऐप्स भारतीय उपयोगकर्ताओं का डेटा एकत्र कर चीन स्थित सर्वरों पर भेज रहे थे, जिसका दुरुपयोग हो सकता था। इस प्रतिबंध के दायरे में टिकटॉक के अलावा शेयरइट (ShareIt), कैमस्कैनर (CamScanner) और क्लब फैक्ट्री (Club Factory) जैसे कई लोकप्रिय ऐप्स भी शामिल थे।
क्या यह वापसी का संकेत है?
वेबसाइट का फिर से चालू होना कई सवाल खड़े करता है। क्या यह टिकटॉक की मूल कंपनी ‘बाइटडांस’ (ByteDance) द्वारा भारतीय बाजार में वापसी की तैयारी का एक तकनीकी परीक्षण है? या यह सिर्फ एक अस्थायी तकनीकी गड़बड़ी है? इस मामले पर अभी तक न तो बाइटडांस और न ही भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है।
अगर टिकटॉक वापसी की योजना बना रहा है, तो उसे भारत के नए और सख्त डेटा सुरक्षा और गोपनीयता कानूनों का पूरी तरह से पालन करना होगा, जिसमें डेटा स्थानीयकरण (Data Localisation) यानी भारतीय उपयोगकर्ताओं का डेटा भारत में ही स्टोर करना एक प्रमुख शर्त हो सकती है।
फिलहाल, यह घटनाक्रम एक महत्वपूर्ण संकेत तो है, लेकिन टिकटॉक की भारत में पूरी तरह से वापसी के लिए अभी एक लंबी राह तय करनी पड़ सकती है। जब तक सरकार हरी झंडी नहीं देती और ऐप प्ले स्टोर पर वापस नहीं आता, तब तक उपयोगकर्ताओं को इंतजार ही करना होगा।