गाजियाबाद में तूफान का कहर: ACP ऑफिस की छत ढही, मलबे में दबकर सब इंस्पेक्टर की मौत

Storm wreaks havoc in Ghaziabad: Roof of ACP office collapses, sub-inspector dies after being buried under debris

Partap Singh Nagar
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गाजियाबाद में तूफान का कहर: ACP ऑफिस की छत ढही, मलबे में दबकर सब इंस्पेक्टर की मौत

Ghaziabad News/ भारतीय टॉक न्यूज़ : शनिवार की रात गाजियाबाद और आसपास के इलाकों में आए भीषण तूफान और भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा के चलते अंकुर विहार स्थित ACP (सहायक पुलिस आयुक्त) कार्यालय की छत गिर गई, जिसके मलबे में दबकर एक सब इंस्पेक्टर (उप निरीक्षक) की दर्दनाक मौत हो गई। इस हृदयविदारक घटना से पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गई है और कार्यालय की जर्जर हालत को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

 गाजियाबाद में तूफान का कहर: ACP ऑफिस की छत ढही, मलबे में दबकर सब इंस्पेक्टर की मौत
मृतक : सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र मिश्रा

आधी रात को हुआ हादसा, सो रहे थे दरोगा

जानकारी के अनुसार, 58 वर्षीय सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र मिश्रा ACP अंकुर विहार कार्यालय में पेशकार के पद पर तैनात थे। शनिवार रात जब तेज तूफान और बारिश शुरू हुई, तो वे कार्यालय में ही सो रहे थे। अचानक, रात के अंधेरे में कार्यालय की छत का एक बड़ा हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा। छत का लिंटर सीधे वीरेंद्र मिश्रा के ऊपर गिरा, जिससे वे बुरी तरह से मलबे में दब गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

सुबह मिली घटना की जानकारी, जांच के आदेश

रविवार सुबह जब अन्य पुलिसकर्मी कार्यालय पहुंचे, तो उन्हें इस दुखद घटना के बारे में पता चला। आनन-फानन में मलबा हटाने का काम शुरू किया गया और वीरेंद्र मिश्रा के शव को बाहर निकाला गया। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए उच्च अधिकारियों ने तत्काल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

जर्जर इमारत में चल रहा था सरकारी काम

इस हादसे के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इतनी जर्जर इमारत में सरकारी कार्यालय कैसे संचालित हो रहा था। पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि कार्यालय की इमारत काफी पुरानी और कमजोर हो चुकी थी। समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसका नतीजा आज एक पुलिस अधिकारी की जान के रूप में सामने आया है।

काल बैसाखी का प्रकोप

गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में इन दिनों प्री-मॉनसून सीजन चल रहा है। इस दौरान आने वाले तूफानों को नॉरवेस्टर कहा जाता है, जिसे स्थानीय भाषा में काल बैसाखी भी कहते हैं। यह तूफान आमतौर पर अप्रैल और मई के महीने में आता है और अपने साथ तेज आंधी, गरज-चमक और भारी बारिश लेकर आता है। शनिवार रात गाजियाबाद में भी इसी तूफान का प्रकोप देखने को मिला, जिसने एक हंसते-खेलते परिवार को गम में डुबो दिया।

इस दुखद घटना ने एक बार फिर सरकारी इमारतों की रखरखाव और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह देखना होगा कि जांच के बाद इस मामले में किसकी लापरवाही सामने आती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

 

 

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