Greater Noida/भारतीय टॉक न्यूज़: हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कानून का शिकंजा कस गया है। बिसरख कोतवाली क्षेत्र के तहत आने वाले ग्राम में डूब क्षेत्र में बार-बार निर्माण की शिकायत के बाद जिला प्रशासन और पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है। लेखपाल मनवीर सिंह की तहरीर पर पांच लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 और 329(3) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
लेखपाल की रिपोर्ट ने खोली अवैध निर्माण की पोल
थाना बिसरख के प्रभारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि लेखपाल मनवीर सिंह ने बीती रात थाने में शिकायत दर्ज की। रिपोर्ट के अनुसार, ग्राम सभा में दर्ज गाटा संख्या 420, 461, 463, 467 और 469 हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में स्थित हैं। इन क्षेत्रों में 7 जनवरी 2025 को नोएडा प्राधिकरण, राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने जेसीबी की मदद से अवैध निर्माण को ध्वस्त किया था। लेकिन इसके बावजूद इन गाटा संख्याओं पर दोबारा निर्माण शुरू कर दिया गया।
लेखपाल ने अपनी शिकायत में यह भी उल्लेख किया कि 19 फरवरी को उप जिलाधिकारी दादरी ने नायब तहसीलदार और अन्य अधिकारियों के साथ क्षेत्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि डूब क्षेत्र में फिर से अवैध निर्माण चल रहा है।
जेसीबी से दोबारा तोड़ा गया निर्माण
निरीक्षण के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जेसीबी मशीनों की सहायता से अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि यह निर्माण बबलू (पुत्र देवपाल), संदीप (पुत्र उदय पाल), देवेंद्र (पुत्र डालचंद), शेरपाल (पुत्र लक्ष्मण) और विजेंद्र (पुत्र झगड़ु) द्वारा किया जा रहा था। प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए कानूनी कदम उठाने का निर्णय लिया।
कानूनी कार्रवाई और पुलिस जांच शुरू
लेखपाल मनवीर सिंह की शिकायत के आधार पर पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 (प्रशासनिक आदेश की अवज्ञा) और धारा 329(3) (आपराधिक कृत्य से संपत्ति को नुकसान पहुंचाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। थाना प्रभारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डूब क्षेत्र में निर्माण पर प्रशासन का सख्त रुख
हिंडन नदी का डूब क्षेत्र पर्यावरण और सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है। इस क्षेत्र में निर्माण कार्य न केवल अवैध है, बल्कि बाढ़ के खतरे को भी बढ़ाता है। जिला प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण ने पहले भी कई बार इस तरह के अवैध निर्माण को हटाने के लिए अभियान चलाया है। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में भी ऐसी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।