Greater Noida News : चार साल बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीनियर मैनेजर के पद पर सन्नी यादव की वापसी ने एक बार फिर चर्चा का विषय बना दिया है। उन्हें स्वास्थ्य विभाग में अहम जिम्मेदारी दी गई है, जिसे लेकर विवादों का सिलसिला शुरू हो गया है। सन्नी यादव को पहले बर्खास्त किया गया था, लेकिन न्यायालय के आदेश पर उनकी बहाली हुई है।
पुराना विवाद और निलंबन
सन्नी यादव को चार साल पहले सीबीआई जांच के दौरान दफ्तर से गायब होने के आरोप में निलंबित किया गया था। उनके खिलाफ केंद्रीय सेवा नियमावली के तहत बर्खास्तगी की रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। तत्कालीन सीईओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। लेकिन अब सन्नी यादव की वापसी ने कई सवाल उठाए हैं।
एकीकृत सफाई व्यवस्था में कदम
बहाली के बाद सन्नी यादव ने एकीकृत सफाई व्यवस्था के तहत छह सेक्टरों में कूड़ा उठाने का शुल्क संबंधित आदेश जारी किया। इस आदेश के बाद ही उनकी वापसी पर सवाल उठने लगे हैं। आरोप है कि यह कदम कई विवादों को जन्म दे सकता है, क्योंकि पहले भी उनका नाम भ्रष्टाचार और घोटालों में आया था।
सवालों के घेरे में बहाली
सन्नी यादव की बहाली ने कई सवाल खड़े किए हैं:
- क्या न्यायालय के आदेश से हुई बहाली में कोई गड़बड़ी हुई है?
- क्या सन्नी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच पूरी तरह से हुई है?
- क्या स्वास्थ्य विभाग जैसी महत्वपूर्ण विभाग में उनकी नियुक्ति उचित है?
- क्या एकीकृत सफाई व्यवस्था में उनका निर्णय पारदर्शी है?
सन्नी यादव की बहाली और उनके द्वारा उठाए गए कदमों ने एक बार फिर से विवादों को जन्म दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी नई जिम्मेदारी कैसे आगे बढ़ती है और क्या यह विवादों का नया सिलसिला शुरू करेगी।