Noida News : नोएडा में 24 से 27 अगस्त 2024 तक टेक्नोशियन वर्ल्ड रोबोटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन किया जाएगा। यह इवेंट इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से नोएडा स्टेडियम कॉम्प्लेक्स में होगा। इस चैंपियनशिप का 8वां संस्करण 46 देशों की 2,500 से अधिक टीमों के साथ एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित करेगा, जिसमें 12,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे।
प्रतियोगिताओं की विविधता
इस चैंपियनशिप में 14 विभिन्न कैटेगरीज शामिल होंगी, जैसे कि ऑटोनॉमस रोबोटिक्स, ड्रोन रेसिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। प्रतिभागियों को रोबो सॉकर, रोबो रेस, बॉट्स कॉम्बैट, ड्रोन सॉकर, और अन्य रोमांचक प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
मुख्य अतिथि और गणमान्य व्यक्ति
इस इवेंट के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे। इसके अलावा, भारत सरकार के पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत और शिक्षा मंत्रालय के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, जिससे इस आयोजन की गरिमा और बढ़ जाएगी।
वैश्विक सहभागिता
टेक्नोशियन वर्ल्ड रोबोटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेने वाले देशों में अजरबैजान, अल्जीरिया, बांग्लादेश, ब्राजील, कनाडा, जर्मनी, भारत, रूस, अमेरिका, और कई अन्य शामिल हैं। यह इवेंट न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के युवा प्रौद्योगिकी उत्साही लोगों के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में उभरा है।
नवाचार और सहयोग का मंच
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन (AICRA) के अध्यक्ष राजकुमार शर्मा ने बताया कि यह चैंपियनशिप सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह रोबोटिक्स और ऑटोमेशन में नवाचार का एक वैश्विक उत्सव है। उनका लक्ष्य एक ऐसा मंच बनाना है जहां युवा इनोवेटर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें और उद्योग के विशेषज्ञों से सीख सकें।
पुरस्कार समारोह और समापन
चैंपियनशिप का समापन एक शानदार पुरस्कार समारोह के साथ होगा, जिसमें विजेता टीमों को सम्मानित किया जाएगा। इस समारोह में विजेता टीमों और मुख्य अतिथि के बीच लाइव बातचीत का आयोजन किया जाएगा, जिससे प्रतिभागियों को अपने अनुभव साझा करने का एक अनूठा अवसर मिलेगा।
टेक्नोशियन वर्ल्ड रोबोटिक्स चैंपियनशिप 2024 न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने का एक मंच है, बल्कि यह भविष्य के लिए तैयार कुशल कार्यबल विकसित करने में भी मदद करेगा। यह इवेंट रोबोटिक्स के प्रति उत्साही और पेशेवरों के एक वैश्विक समुदाय को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।