Meerut/ भारतीय टॉक न्यूज़: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लंबे समय से चली आ रही हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। इस आंदोलन को नई ऊर्जा देने के लिए शनिवार को मेरठ में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और व्यापारिक संघों के प्रतिनिधियों ने एकजुटता दिखाते हुए 20 सितंबर 2025 को एक विशाल धरना-प्रदर्शन करने का संकल्प लिया।
रणनीति बनाने के लिए जुटे दिग्गज
मेरठ बार एसोसिएशन के पं. नानक चंद सभागार में ‘हाई कोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति, पश्चिमी उत्तर प्रदेश’ के बैनर तले यह बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता समिति के चेयरमैन और मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा ने की, जबकि संचालन संयोजक राजेंद्र सिंह राणा ने किया। बैठक का मुख्य एजेंडा 30 अगस्त को लिए गए निर्णयों को लागू करते हुए 20 सितंबर के धरना-प्रदर्शन को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने की रणनीति तैयार करना था।
राजनीतिक और सामाजिक सीमाओं से परे मिला समर्थन
इस बैठक की सबसे खास बात यह रही कि इसमें पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। समाजवादी पार्टी के विधायक शाहिद मंजूर, रफीक अंसारी और अतुल प्रधान, भाजपा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी (फोन द्वारा), कांग्रेस के वरिष्ठ नेता युसुफ कुरैशी और बसपा के जिलाध्यक्ष सुभाष प्रधान समेत कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों ने आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन दिया।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा संघ, अंतरराष्ट्रीय गुर्जर परिषद, व्यापार संघ मेरठ, भारतीय किसान संगठन, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और मेरठ टैक्स बार एसोसिएशन जैसे दर्जनों गैर-राजनीतिक संगठनों ने भी समर्थन पत्र सौंपकर आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आश्वासन दिया।
20 सितंबर को दिखेगी पश्चिमी यूपी की ताकत
बैठक में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि 20 सितंबर का धरना-प्रदर्शन पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सामूहिक इच्छाशक्ति का प्रतीक होगा। सभी संगठनों ने इस दिन अपने-अपने स्तर पर पूरी ताकत झोंकने और अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने का संकल्प लिया। जो प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हो सके, उन्होंने भी वर्चुअल और फोन के माध्यम से समिति के पदाधिकारियों को अपने पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया।
अंत में, समिति के चेयरमैन संजय शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह एकजुटता हाईकोर्ट बेंच की स्थापना के लक्ष्य को हासिल करने में मील का पत्थर साबित होगी।