Greater Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: जी.टी. रोड से घुममनिकपुर, कुड़ी खेड़ा और बम्बावड़ जैसे कई गाँवों को जोड़ने वाले मुख्य संपर्क मार्ग पर किए गए अवैध अतिक्रमण को प्रशासन ने सफलतापूर्वक हटा दिया है। एक निजी कंपनी द्वारा सड़क की भूमि पर दीवार और नाली का निर्माण कर रास्ता बाधित कर दिया गया था, जिससे हजारों ग्रामीणों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। स्थानीय युवक की पहल और ग्रामीणों के सहयोग से की गई शिकायत पर प्रशासन और लोक निर्माण विभाग (PWD) ने त्वरित कार्यवाही करते हुए रास्ते को अतिक्रमण मुक्त कराया, जिसके बाद क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली है।
क्या है पूरा मामला?
पूरा मामला जी.टी. रोड से बम्बावड़, कुडीखेड़ा, महावड़, राजतपुर, और आकलपुर की ओर जाने वाले मुख्य रास्ते का है। इस मार्ग पर स्थित सिनौला कम्पनी के मालिक पीयूष गुप्ता द्वारा सड़क की जमीन पर अवैध रूप से एक पक्की दीवार खड़ी कर दी गई और साथ ही एक नाली का निर्माण भी कर लिया गया था। इस अतिक्रमण के कारण सड़क संकरी हो गई थी, जिससे वाहनों के आने-जाने और विशेषकर कृषि वाहनों को निकलने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। यह अवरोध दैनिक यात्रियों और स्थानीय किसानों के लिए एक बड़ी मुसीबत बन गया था।
ग्रामीणों के सहयोग से मिली सफलता
इस गंभीर समस्या को देखते हुए स्थानीय निवासी सकेत नागर (पुत्र दयानन्द नागर) ने आवाज उठाई। उन्होंने समस्त क्षेत्रवासियों को एकजुट किया और इस अवैध कब्जे के खिलाफ प्रशासन एवं लोक निर्माण विभाग (PWD) में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत का संज्ञान लेते हुए, अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया और अतिक्रमण को अवैध पाया।
बीते दिन, प्रशासन और PWD के अधिकारियों की मौजूदगी में जेसीबी की मदद से अवैध दीवार और नाली को ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्यवाही के बाद रास्ते को फिर से पूरी तरह से खोल दिया गया, जिससे यातायात सुचारू रूप से बहाल हो गया।
ग्रामीणों ने जताया आभार और रखी मांग
अतिक्रमण हटने के बाद ग्रामीणों में खुशी की लहर है। उन्होंने इस सफल कार्यवाही के लिए प्रशासन और लोक निर्माण विभाग का आभार व्यक्त किया। ग्रामीणों का कहना था कि यदि यह अवैध अतिक्रमण समय रहते नहीं हटाया जाता, तो यह भविष्य में एक बड़े सामाजिक विवाद का कारण बन सकता था।
इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अनुरोध किया कि क्षेत्र में इस प्रकार की अवैध अतिक्रमण की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक रास्तों को बाधित करने का दुस्साहस न कर सके और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।