Bharatiya Talk / Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर के हजारों किसानों के लिए आज का दिन बेहद खास है। लंबे समय से चली आ रही उनकी मांगों पर हाई पावर कमेटी ने अपनी मुहर लगा दी है। तीनों विकास प्राधिकरणों (नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी) से प्रभावित हजारों किसानों के लिए आज की सबसे बड़ी खबर है। किसानों के धरने को खत्म करने के लिए हाई-पावर कमेटी की सिफारिशों को सार्वजनिक कर दिया गया है। किसानों ने आंदोलन स्थगित कर दिया है। अब सवाल है कि आखिर किसानों को अतिरिक्त 64.7% मुआवजा, आबादी का प्लॉट और लीजबैक की जमीन कब मिलेंगे।
सिफारिशें: आबादी का निर्धारण
सिफारिश नंबर 1 के अनुसार, समिति ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को ग्रामीण आबादी को 30 जून, 2011 के अनुसार तय करने की सिफारिश की है। यह कार्य 2 माह में पूरा किया जाएगा।
अतिक्रमण का समाधान
सिफारिश नंबर 2 में कहा गया है कि भूमि अर्जन के दृष्टिगत अतिक्रमण को सीमित और नियंत्रित करने की आवश्यकता है। विकास प्राधिकरण को 3 माह के भीतर सर्वे करके ग्रामीण आबादी स्थल तय करने होंगे।
अतिक्रमण के मामलों का डी-लिंक
सिफारिश नंबर 3 में यह सुझाव दिया गया है कि ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण अतिक्रमण के मामलों को अलग कर दें, जिससे किसानों की 5 प्रतिशत आबादी भूखंड की समस्या का समाधान हो सके।
मुआवजा और धनराशि
सिफारिश नंबर 4 में कहा गया है कि यदि नोएडा अथॉरिटी के पास जमीन नहीं है, तो किसानों को समतुल्य धनराशि दी जाए। यह कार्यवाही 2 माह के भीतर पूरी की जानी चाहिए।
लीजडीड की प्रक्रिया
सिफारिश नंबर 5 के अनुसार, जिन किसानों को आबादी भूखंड आवंटित किए गए हैं, उनकी लीजडीड 2 माह के भीतर पूरी की जानी चाहिए।
ग्रेटर नोएडा में भूखंड आवंटन
सिफारिश नंबर 6 में कहा गया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 4,147 किसानों को 6 माह के भीतर भूखंड आवंटित करने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
अतिरिक्त मुआवजा
सिफारिश नंबर 7 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को निर्देश दिया गया है कि वह 64.70% अतिरिक्त मुआवजा 2 माह के भीतर बाकी किसानों को दे।
लीजबैक की सीमा में वृद्धि
सिफारिश नंबर 8 में नोएडा प्राधिकरण द्वारा लीजबैक की सीमा को 1,000 वर्गमीटर करने का प्रस्ताव किया गया है।
लीजबैक मामलों का निस्तारण
सिफारिश नंबर 9 में कहा गया है कि नोएडा प्राधिकरण को 3,849 मामलों में लीजबैक की प्रक्रिया 2 माह के भीतर पूरी करनी चाहिए।
गांवों की पेरिफेरल बाउण्ड्री
सिफारिश नंबर 10 में कहा गया है कि नोएडा प्राधिकरण को गांवों की आबादियों की पैरिफेरल बाउण्ड्री बनानी चाहिए।
एसआईटी से क्लीनचिट मामलों में लीजडीड
सिफारिश नंबर 11 में एसआईटी द्वारा सही पाए गए मामलों में लीजडीड करने की सिफारिश की गई है।
लंबित लीजबैक के निर्णय
सिफारिश नंबर 12 में कहा गया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 6 माह के भीतर लंबित लीजबैक के निर्णय लेने होंगे।
शिफ्टिंग के मामलों का निस्तारण
सिफारिश नंबर 13 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को शिफ्टिंग के 211 प्रकरणों का निस्तारण 6 माह के भीतर करने का निर्देश दिया गया है।
एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी
सिफारिश नंबर 14 में 130 मीटर एक्सप्रेसवे से कनेक्ट करने वाली सड़कों के निर्माण पर ध्यान देने की बात कही गई है।
भूमिहीन परिवारों के लिए रोजगार
सिफारिश नंबर 15 में भूमिहीन परिवारों के आर्थिक उत्थान के लिए प्राथमिकता के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराने की सिफारिश की गई है।
क्षेत्रीय विकास समिति का गठन
सिफारिश नंबर 16 में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तीन क्षेत्रीय विकास समितियों के गठन की बात कही गई है।
ग्रामीण विकास का बजट
सिफारिश नंबर 17 में ग्रामीण विकास के लिए बजट को 150 करोड़ रुपये प्रति वर्ष करने की सिफारिश की गई है।
युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट
सिफारिश नंबर 18 में युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट कमेटी के गठन की बात कही गई है।
किसानों की मांगें खारिज
समिति ने किसानों की 10 मांगें खारिज कर दी हैं, जिनमें भूमि अधिग्रहण के मामलों में अतिरिक्त मुआवजा और भूखंडों के क्षेत्रफल में वृद्धि शामिल हैं।
किसानों की खारिज की गई प्रमुख मांगें
हाई पावर कमेटी द्वारा गौतमबुद्ध नगर के किसानों की निम्नलिखित 10 प्रमुख मांगों को खारिज कर दिया गया है:
- आबादी भूखंड का क्षेत्रफल: किसानों ने मांग की थी कि उन्हें मिलने वाले 5-6% आबादी भूखंड का क्षेत्रफल बढ़ाकर 10% किया जाए।
- अतिरिक्त मुआवजा: वर्ष 1997 से 2002 के बीच भूमि अर्जन के मामलों में किसानों ने 64.7% अतिरिक्त मुआवजे की मांग की थी।
- न्यूनतम आबादी भूखंड का आकार: किसानों ने न्यूनतम आबादी भूखंड का आकार 40 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 120 वर्ग मीटर करने की मांग की थी।
- अधिकतम आबादी भूखंड का आकार: किसानों ने अधिकतम आबादी भूखंड का आकार 2,500 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 5,000 वर्ग मीटर करने की मांग की थी।
- पुश्तैनी और गैर-पुश्तैनी का अंतर: किसानों ने पुश्तैनी और गैर-पुश्तैनी भूमि के बीच के अंतर को खत्म करने की मांग की थी।
- भूमि अर्जन अधिनियम: किसानों ने मांग की थी कि किसानों से सीधे जमीन खरीद के मामलों में भूमि अर्जन अधिनियम-2013 को लागू किया जाए।
- सर्किल रेट: किसानों ने सर्किल रेट बढ़ाने की मांग की थी।
- व्यावसायिक गतिविधियां: किसानों ने आबादी भूखंडों में व्यावसायिक गतिविधियां चलाने की अनुमति देने की मांग की थी।
- भवन की ऊंचाई: किसानों ने आबादी भूखंडों पर बनने वाले भवनों की ऊंचाई 15 मीटर से बढ़ाकर 25 मीटर करने की मांग की थी।
- यूपीएसआईडीए भूमि: यूपीएसआईडीए से प्राप्त की गई भूमि के किसानों ने आबादी भूखंड देने की मांग की थी।