Greater Noida/ भारतीय टॉक न्यूज़: उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्रों में संपत्ति खरीदने और बेचने के नियमों को एकसमान करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। यूनिफाइड रेगुलेशन 2025 के तहत अब इन तीनों प्राधिकरणों में संपत्ति से संबंधित सभी प्रक्रियाएं एक ही नीति के अंतर्गत संचालित होंगी। इस नीति को मंगलवार, 25 फरवरी 2025 से लागू कर दिया गया है, और इसके साथ ही पुराने नियमों और नीतियों को निरस्त कर दिया गया है। यह कदम क्षेत्र में पारदर्शिता, एकरूपता और निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
प्रस्ताव से लागू होने तक का सफर
इस नीति की नींव 2 जनवरी 2025 को नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में रखी गई थी। बैठक में प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के बाद कुछ संशोधनों के साथ इसे शासन को भेजा गया। शासन ने इसे मंजूरी दे दी, जिसके बाद नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. लोकेश एम ने औपचारिक आदेश जारी किया। पहले तीनों प्राधिकरणों में संपत्ति आवंटन, लीज डीड, और अन्य प्रक्रियाओं के नियम अलग-अलग थे, जिससे निवेशकों और आम लोगों को असुविधा होती थी। अब *यूनिफाइड पॉलिसी 2025* के तहत सभी प्रक्रियाएं एकसमान होंगी।
यूनिफाइड पॉलिसी के प्रमुख प्रावधान
नई नीति के तहत कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को एकसमान किया गया है। इसमें शामिल हैं:
– आवंटन और निरस्तीकरण : प्लॉट आवंटन, उसका निरस्तीकरण, और दोबारा आवंटन अब एक ही नियम से होगा।
– लीज डीड और कब्जा : लीज डीड का निष्पादन और कब्जे की प्रक्रिया में भी एकरूपता होगी।
– भू-उपयोग और बिडिंग : अनुमति योग्य भू-उपयोग, बिडिंग प्रक्रिया, और आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है।
– पात्रता और शुल्क : पात्रता मानक, ईएमडी (अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट), रजिस्ट्रेशन फीस, और असफल आवेदकों के मामले में नियम स्पष्ट हैं।
– भुगतान और ट्रांसफर : नाम परिवर्तन, मोड ऑफ पेमेंट, ट्रांसफर पॉलिसी, और म्यूटेशन जैसे कार्य एक नीति के तहत होंगे।
– विशेष व्यवस्थाएं : प्रोजेक्ट में बदलाव, शेयर होल्डिंग, निदेशक मंडल, और बंधक संबंधी नियम भी शामिल हैं।
इसके अलावा, प्लॉट को तोड़ने, सरेंडर करने, जीरो पीरियड पॉलिसी, और किराया अनुमति जैसे मामलों में भी एकसमानता सुनिश्चित की गई है।
भुगतान के लचीले विकल्प
प्राधिकरण ने आवंटियों के लिए भुगतान के चार विकल्प पेश किए हैं, जो इस प्रकार हैं:
1. 90 दिनों में पूरा भुगतान : यदि आवंटी आवंटन पत्र जारी होने के 90 दिनों के भीतर पूरी राशि जमा करता है, तो उसे प्लॉट की कीमत पर 2% की छूट मिलेगी।
2. दो साल का विकल्प : दो साल में भुगतान करने पर ब्याज लागू होगा।
3. तीन साल का विकल्प: तीन साल में भुगतान के लिए भी ब्याज देना होगा।
4. पांच साल का विकल्प : पांच साल में भुगतान का विकल्प चुनने पर भी ब्याज लागू होगा।
ये विकल्प आवंटियों को अपनी सुविधा के अनुसार भुगतान करने की आजादी देते हैं, साथ ही प्राधिकरण को राजस्व सुनिश्चित करते हैं।
ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए नए मानक
यूनिफाइड पॉलिसी 2025 ने ग्रुप हाउसिंग प्लॉट के लिए आवेदन करने वाले बिल्डरों की पात्रता को भी एकसमान कर दिया है। अब बिल्डरों के लिए निम्नलिखित मानक तय किए गए हैं:
– 1 लाख वर्ग मीटर तक के प्लॉट :
– नेटवर्थ: 30 करोड़ रुपये
– पिछले 3 महीने का लेनदेन: 5 करोड़ रुपये
– पिछले 3 साल का टर्नओवर: 100 करोड़ रुपये
– 1 लाख वर्ग मीटर से बड़े प्लॉट :
– नेटवर्थ: 60 करोड़ रुपये
– पिछले 3 महीने का लेनदेन: 10 करोड़ रुपये
– पिछले 3 साल का टर्नओवर: 200 करोड़ रुपये या अधिक
ये मानक सुनिश्चित करते हैं कि केवल सक्षम और वित्तीय रूप से मजबूत बिल्डर ही बड़े प्रोजेक्ट्स में हिस्सा ले सकें।
नीति के लाभ और प्रभाव
यह नीति नोएडा, ग्रेटर नोएडा, और यमुना प्राधिकरण क्षेत्रों में संपत्ति बाजार को और व्यवस्थित करेगी। एकसमान नियमों से जहां निवेशकों को स्पष्टता मिलेगी, वहीं प्राधिकरणों के बीच नीतिगत असमानता से उत्पन्न भ्रम खत्म होगा। साथ ही, पारदर्शी प्रक्रियाएं और लचीले भुगतान विकल्प निवेश को प्रोत्साहित करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर को नई गति मिलेगी, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
एक समृद्ध भविष्य की ओर कदम
यूनिफाइड रेगुलेशन 2025 उत्तर प्रदेश सरकार का एक दूरदर्शी कदम है, जो नोएडा, ग्रेटर नोएडा, और यमुना प्राधिकरण को एक समान विकास के पथ पर ले जाएगा। यह नीति न केवल संपत्ति खरीद-बिक्री को आसान बनाएगी, बल्कि क्षेत्र में औद्योगिक और आवासीय विकास को भी बढ़ावा देगी। आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे, जो इस क्षेत्र को निवेश और रहन-सहन के लिए और आकर्षक बनाएंगे।