Greater Noida / भारतीय टॉक न्यूज़ : गौतमबुद्धनगर जिले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के नियमों के अनुसार, इस वर्ष लगभग 30,000 वाहन अपनी निर्धारित आयु सीमा पूरी कर कबाड़ घोषित किए जाएंगे। इन वाहनों में 506 ऐसे वाहन भी शामिल हैं जिनकी कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक है। इन महंगे वाहनों के मालिकों के सामने अब अपने वाहनों को स्क्रैप कराने या उन्हें अन्य राज्यों में स्थानांतरित करने का विकल्प है, जहां एनजीटी के नियम लागू नहीं होते।
एक करोड़ से अधिक कीमत के वाहन, महज 10 हजार किलोमीटर भी नहीं चले
परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इन 30,000 वाहनों में से 506 वाहन ऐसे हैं जिनकी कीमत एक करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। यह चौंकाने वाली बात है कि इतनी महंगी कीमत के कई वाहन अभी तक 10,000 किलोमीटर भी नहीं चल पाए हैं। एनजीटी के इस नियम से इन महंगे वाहनों के मालिक परेशान हैं और उन्होंने विभाग से वाहनों को पांच साल का एक्सटेंशन देने की मांग की है।
तेजी से बढ़ रही कबाड़ वाहनों की संख्या, स्क्रैपिंग सेंटर कम
एनजीटी के नियमों के चलते कबाड़ वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन स्क्रैपिंग सेंटर की संख्या में उस अनुपात में वृद्धि नहीं हो रही है। जिले में वर्तमान में केवल दो स्क्रैपिंग सेंटर हैं, जो वाहन मालिकों के लिए असुविधा का कारण बन रहा है। जिले में कबाड़ वाहनों की संख्या दो लाख तक पहुंच गई है और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। परिवहन विभाग पिछले पौने दो सालों से नए स्क्रैपिंग सेंटर खोलने की बात कह रहा है, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।
पेट्रोल वाहन 15 वर्ष, डीजल वाहन 10 वर्ष: एनजीटी नियम
सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) डॉ. सियाराम वर्मा ने स्पष्ट किया कि एनजीटी के नियमों के अनुसार, 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल पुराने डीजल वाहन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में संचालित नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक यह नियम लागू रहेगा, इसका कड़ाई से पालन कराया जाएगा।