यमुना में संभावित बाढ़ का खतरा: ग्रेटर नोएडा के 72 गांवों पर मंडराया संकट, प्रशासन ने रोकथाम के लिए कसी कमर

Threat of possible flood in Yamuna: Danger looms over 72 villages of Greater Noida, administration gears up to prevent it

Partap Singh Nagar
4 Min Read
यमुना में संभावित बाढ़ का खतरा: ग्रेटर नोएडा के 72 गांवों पर मंडराया संकट, प्रशासन ने रोकथाम के लिए कसी कमर

 

Greater Noida / भारतीय टॉक न्यूज़: आगामी मानसून सीजन, जो जून में दस्तक देने वाला है, को देखते हुए ग्रेटर नोएडा जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है। तीन साल पहले यमुना नदी में आई विनाशकारी बाढ़ से सबक लेते हुए, जिसने जिले के कई गांवों में भारी तबाही मचाई थी, प्रशासन इस बार किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही कमर कस रहा है। जिलाधिकारी (डीएम) मनीष कुमार वर्मा ने संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर बाढ़ की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। रिपोर्टों से पता चला है कि यमुना में बाढ़ आने की स्थिति में जिले के कुल 72 गांव सीधे तौर पर प्रभावित हो सकते हैं।

बाढ़ संभावित क्षेत्रों का चिन्हांकन और चौकियां स्थापित

बैठक के दौरान अधिकारियों ने डीएम को विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यमुना नदी की बाढ़ का असर मुख्य रूप से तीन तहसीलों के 72 गांवों पर पड़ता है। इनमें जेवर तहसील के 25 गांव, दादरी तहसील के 22 गांव और सदर तहसील के 25 गांव शामिल हैं। इन संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी और त्वरित कार्रवाई के लिए कुल 19 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। इनमें से 5-5 चौकियां जेवर और दादरी में, 7 सदर तहसील में और 2 चौकियां सिंचाई विभाग द्वारा संचालित की जाएंगी। इन चौकियों को अलर्ट पर रखा जाएगा ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया दी जा सके।

बहु-विभागीय समन्वय और रोकथाम की रणनीति

डीएम मनीष कुमार वर्मा ने सिंचाई, पशुपालन, कृषि, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, विद्युत, फायर, जल निगम, और आपूर्ति विभाग सहित सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बाढ़ जैसी आपदा को रोकने के लिए एक सुनियोजित और समन्वित रणनीति पर काम करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि समय रहते की गई तैयारी से संभावित नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके तहत, बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली को मजबूत करने, नदी तटबंधों की तत्काल मरम्मत करने, नालों की सफ़ाई सुनिश्चित करने, सभी बाढ़ चौकियों को पूरी तरह सक्रिय रखने, अतिरिक्त जल निकासी की प्रभावी योजना बनाने और स्थानीय ग्रामीणों को समय पर जागरूक करने की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

पशुधन और फसलों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान

बाढ़ के दौरान मानव जीवन के साथ-साथ पशुधन और फसलों को भी भारी नुकसान होता है। इसे ध्यान में रखते हुए, डीएम ने निर्देश दिया है कि यमुना के डूब क्षेत्र में स्थित सभी गौशालाओं की सटीक मैपिंग की जाए और वहां पशुओं के लिए पर्याप्त चारे (भूसे) की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही, आपात स्थिति में पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए अस्थायी गौशालाओं हेतु उपयुक्त स्थानों का पहले से ही चयन करने को कहा गया है। कृषि विभाग को भी निर्देशित किया गया है कि वे किसानों की फसलों को बाढ़ के प्रकोप से बचाने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करें।

स्वास्थ्य सेवाओं की चाक-चौबंद व्यवस्था

बाढ़ के दौरान और उसके बाद बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को विशेष रूप से सतर्क रहने को कहा गया है। डीएम ने निर्देश दिए हैं कि सभी 19 बाढ़ चौकियों पर रैपिड रिस्पांस टीम, मेडिकल टीम, एम्बुलेंस और आवश्यक दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता हर समय सुनिश्चित की जाए ताकि प्रभावित लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता मुहैया कराई जा सके। प्रशासन का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि बाढ़ की स्थिति में किसी भी नागरिक को असुविधा न हो और सभी आवश्यक मदद समय पर उपलब्ध हो।

 

 

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