नोएडा में फर्जी डीसीपी बनकर रिटायर्ड मेजर जनरल से 2 करोड़ की धोखाधड़ी: तीन गिरफ्तार

Partap Singh Nagar
3 Min Read
नोएडा में फर्जी डीसीपी बनकर रिटायर्ड मेजर जनरल से 2 करोड़ की धोखाधड़ी: तीन गिरफ्तार

Noida News : नोएडा के थाना साइबर क्राइम ने एक बड़ी धोखाधड़ी का खुलासा करते हुए तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। इन ठगों ने रिटायर्ड मेजर जनरल को फर्जी डीसीपी बनकर डिजिटल अरेस्ट कर 2 करोड़ रुपये की ठगी की। यह घटना 27 अगस्त 2024 को हुई, जब मेजर जनरल ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई।

गिरफ्तारी की प्रक्रिया

पुलिस मीडिया सेल के अनुसार, 11 अक्टूबर 2024 को स्थानीय इंटेलिजेंस और गोपनीय सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए, अभियुक्तों कानाराम गुर्जर, ललित कुमार और सचिन कुमार को जयपुर के छालान रोड से गिरफ्तार किया गया। इन पर आरोप है कि इन्होंने डीएचएल कोरियर सर्विस के कर्मचारी बनकर मेजर जनरल से धोखाधड़ी की।

धोखाधड़ी की विधि

साइबर अपराधियों ने मेजर जनरल को स्काई ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा और वीडियो कॉल के माध्यम से उन्हें डिजिटल कस्टडी में लिया। इसके बाद, उन्होंने मेजर जनरल की एफ.डी. ब्रैक कर धनराशि को फर्जी बैंक खाते में जमा कराई। इस मामले में आगे की जांच में धारा 61(2) बीएनएस की बढ़ोतरी की गई है।

पूछताछ का विवरण

गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि वे सीनियर सिटीजन और रिटायर्ड अधिकारियों को कॉल करके खुद को पुलिस अधिकारी बताकर धोखाधड़ी करते थे। उन्होंने बताया कि धोखाधड़ी की रकम को विभिन्न पीजी और रेस्टोरेंट में काम करने वाले व्यक्तियों को कमीशन के नाम पर देते थे और उनसे बैंक खातों से संबंधित सिम और एटीएम के माध्यम से कैश कराते थे।

अन्य गिरफ्तार अभियुक्तों की जानकारी

इस गैंग के एक अन्य सदस्य राजकुमार को मुंबई पुलिस ने 2 अक्टूबर 2024 को गिरफ्तार किया था। अभियुक्त सचिन द्वारा उपलब्ध कराए गए खातों के खिलाफ एनसीआरपी पोर्टल पर कुल 76 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनकी गहनता से जांच की जा रही है।

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण

1. कानाराम गुर्जर – पुत्र स्व0 बदरीनारायण गुर्जर, उम्र 30 वर्ष, निवासी ग्राम ढानी, जयपुर, राजस्थान।
2. ललित कुमार – पुत्र नरेन्द्र सिंह, उम्र 22 वर्ष, निवासी ग्राम रेटा, अलवर, राजस्थान।
3. सचिन कुमार – पुत्र घनश्याम, उम्र 30 वर्ष, निवासी ग्राम इसरौती, अलवर, राजस्थान।

गिरफ्तारी करने वाली टीम

1. निरीक्षक विनोद कुमार यादव
2. हे0का0 908 अरिहंत जैन
3. का0 369 धर्मदास तोमर
4. का0 387 अरविंद सिंह

यह मामला साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करता है और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

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