
गर्भगृह की सुरक्षा और संरचना
Ayodhya News : श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह, जहाँ भगवान रामलला विराजमान हैं, में वर्षाकाल के दौरान छत से पानी टपकने की कोई घटना नहीं हुई है। गर्भगृह की संरचना इस प्रकार से बनाई गई है कि वहाँ एक भी बूंद पानी का प्रवेश नहीं हो सकता। गर्भगृह के आगे गूढ़मण्डप स्थित है, जहाँ मंदिर के द्वितीय तल की छत का कार्य पूर्ण होने के पश्चात भूतल से लगभग ६० फीट ऊँचा घुम्मट जुड़ेगा और मण्डप की छत बंद हो जाएगी। इस मंडप को अस्थायी रूप से प्रथम तल पर ही ढक कर दर्शन कराए जा रहे हैं।
निर्माण कार्य की प्रगति
मंदिर के द्वितीय तल पर पिलर निर्माण का कार्य चल रहा है। सामान्यतया पत्थरों से बनने वाले मंदिर में बिजली के कन्ड्युट एवं जंक्शन बॉक्स का कार्य पत्थर की छत के ऊपर होता है एवं कन्ड्युट को छत में छेद करके नीचे उतारा जाता है, जिससे मंदिर के भूतल की छत की लाइटिंग होती है। ये कन्ड्युट एवं जंक्शन बॉक्स ऊपर के फ्लोरिंग के दौरान वाटर टाइट कर सतह में छुपाई जाती हैं। प्रथम तल पर बिजली, वाटर प्रूफिंग एवं फ्लोरिंग का कार्य प्रगति पर है, अतः जंक्शन बॉक्सेज़ में पानी प्रवेश किया और कंड्यूट के सहारे भूतल पर गिरा। यह प्रतीत हो रहा था कि छत से पानी टपक रहा है, जबकि यथार्थ में पानी कंड्यूट पाइप के सहारे भूतल पर निकल रहा था।
भविष्य की योजना
उपरोक्त सभी कार्य शीघ्र पूरा हो जाएगा। प्रथम तल की फ्लोरिंग पूर्णतः वाटर टाइट हो जाएगी और किसी भी जंक्शन से पानी का प्रवेश नहीं होगा, फलस्वरूप कन्ड्युट के जरिये पानी नीचे तल पर भी नहीं जाएगा। मंदिर व परकोटा परिसर में बरसात के पानी की निकासी का उत्तम प्रबंध किया गया है, जिसका कार्य प्रगति पर है। पूरे परिसर को बरसात के पानी के लिए बाहर शून्य वाटर डिस्चार्ज के लिए प्रबंधन किया गया है। परिसर में बरसात के पानी को अंदर रखने के लिए रिचार्ज पिट्स का निर्माण किया जा रहा है।
निर्माण कार्य की गुणवत्ता
मंदिर निर्माण कार्य भारत की दो अति प्रतिष्ठित कम्पनियों L & T तथा टाटा के इंजीनियरों एवं पत्थरों से मंदिर निर्माण की यशस्वी परम्परा के वाहक श्री सीबी सोमपुराजी, श्री आशीष सोमपुरा व अनुभवी शिल्पकारों की देखरेख में हो रहा है, अतः निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है। उत्तर भारत में लोहा उपयोग किए बिना केवल पत्थरों से मंदिर निर्माण कार्य (उत्तर भारतीय नागर शैली में) प्रथम बार हो रहा है। इसी कारण सब स्थान पर यथेष्ट जानकारी का अभाव है।
सही जानकारी का महत्व
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का यह प्रयास है कि सही जानकारी समय से भक्तों को मिलती रहे। आप सबसे निवेदन है कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण से संबंधी किसी भी जानकारी के लिए केवल श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अधिकृत संवाद माध्यमों से आई जानकारी पर ही विश्वास करें।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य अत्यंत उच्च गुणवत्ता और परंपरागत शिल्पकला के साथ किया जा रहा है। वर्षाकाल के दौरान छत से पानी टपकने की खबरें गलतफहमी पर आधारित हैं और वास्तविकता में ऐसा कुछ नहीं हुआ है। मंदिर के निर्माण में उपयोग की जा रही तकनीकें और प्रबंधन प्रणाली यह सुनिश्चित करती हैं कि भविष्य में भी ऐसी कोई समस्या उत्पन्न न हो। भक्तों से अनुरोध है कि वे केवल अधिकृत स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही विश्वास करें और अफवाहों से बचें।
जय सिया राम!
मन्दिर व परकोटा परिसर में बरसात के पानी की निकासी का उत्तम प्रबंध किया गया है, जिसका कार्य प्रगति पर है। पूरे परिसर को बरसात के पानी के लिए बाहर शून्य वाटर डिस्चार्ज के लिए प्रबंधन किया गया है। परिसर मे बरसात के पानी को अन्दर रखने के लिये रिचार्ज पिट्स का निर्माण किया जा रहा है।
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) June 26, 2024