गौतमबुद्धनगर न्यायालय में फर्जी जमानत देने का प्रयास, गाजियाबाद के दो निवासी गिरफ्तार, भेजे गए जेल

Two Ghaziabad residents arrested for attempting to provide fake bail in Gautam Buddh Nagar court, sent to jail

Bharatiya Talk
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गौतमबुद्धनगर न्यायालय में फर्जी जमानत देने का प्रयास, गाजियाबाद के दो निवासी गिरफ्तार, भेजे गए जेल

Greater Noida /भारतीय टॉक न्यूज़ (संवाददाता):  ग्रेटर नोएडा न्यूज़: जनपद गौतम बुद्ध नगर के एक न्यायालय में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमानत देने की कोशिश करने के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। न्यायालय के लिपिक की शिकायत पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है। दोनों आरोपी गाजियाबाद के मोदीनगर के रहने वाले हैं और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

जनपद गौतम बुद्ध नगर स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय तृतीय में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ दो व्यक्तियों ने एक बदमाश की फर्जी तरीके से जमानत देने का प्रयास किया। न्यायालय में कार्यरत सत्र लिपिक सुबोध शर्मा ने इस संबंध में थाना सूरजपुर में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

थाना सूरजपुर के प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला वर्ष 2022 में थाना सेक्टर-58 द्वारा गिरफ्तार किए गए आकाश नामक एक बदमाश की जमानत याचिका से जुड़ा है। न्यायालय ने आकाश को जमानत दे दी थी, जिसके लिए जमानती पत्र प्रस्तुत किए गए थे। हालांकि, ये पत्र गलत जमानतदारों के हस्ताक्षर से तैयार किए गए थे, जिसका खुलासा मंगलवार को हुआ जब जमानतियों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

न्यायालय ने पाया कि जमानत देने वाले व्यक्ति गलत नाम और पहचान का उपयोग कर रहे थे। इस धोखाधड़ी का संज्ञान लेते हुए, न्यायालय ने 16 सितंबर को एक आदेश पारित किया, जिसमें इन फर्जी जमानतदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।

न्यायालय के आदेश पर हुई कार्रवाई

न्यायालय के आदेश के अनुपालन में, गाजियाबाद के मोदीनगर निवासी अशोक उर्फ अश्वनी और मोनू पुत्र डालचंद के खिलाफ थाना सूरजपुर में भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद दोनों आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के बाद दोनों को आज न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि न्यायालय परिसर में फर्जी तरीके से जमानत देने के प्रयास की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई फर्जी जमानतदारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है। यह घटना न्यायालय की सुरक्षा और प्रक्रियाओं में सेंध लगाने के प्रयासों पर एक और कड़ी कार्रवाई का प्रतीक है।

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