ग्रेटर नोएडा / भारतीय टॉक न्यूज़ : थाना इकोटेक प्रथम पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो ऐसे शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है जो फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर ऊबर (Uber) एप्लीकेशन को लाखों रुपये का चूना लगा रहे थे। पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस की मदद से घरबरा अंडरपास के पास से मौ उमेर और मुजफ्फर जमाल नामक इन दो आरोपियों को धर दबोचा। इनके कब्जे से 500 फर्जी आधार कार्ड की छाया प्रतियां, 21 मोबाइल फोन, एक पिट्ठू बैग, एक छोटा प्रिंटर और एक हुंडई आई-10 कार (रजिस्ट्रेशन नंबर DL 4CAP 9038) बरामद की गई है।
ऐसे देते थे ठगी को अंजाम, तकनीक का करते थे दुरुपयोग
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे एक ही आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस को एडिट करके कई फर्जी पहचान पत्र तैयार करते थे। इसके लिए वे मोबाइल एप्लीकेशन और गूगल लेंस जैसे टूल्स का इस्तेमाल करते थे, जिससे फोटो बदलकर दस्तावेजों को नया रूप दिया जा सके। इसके बाद इन नकली दस्तावेजों को ऊबर ऐप पर अपलोड कर ड्राइवर आईडी बनाते थे। शुरुआत में ये लोग 8-10 छोटी राइड पूरी करते थे ताकि ऊबर का विश्वास जीत सकें। एक बार जब कंपनी को इन पर भरोसा हो जाता था, तो ये बड़ी राइड की प्री-बुकिंग करते थे।
बिना यात्रा किए ही निकाल लेते थे पेमेंट
आरोपियों ने ठगी का तरीका बताते हुए कहा कि प्री-बुकिंग के बाद राइड का ओटीपी लेकर उसे ड्राइवर आईडी में डाल देते थे और फिर बिना किसी वास्तविक यात्रा के 20 से 30 किलोमीटर की दूरी पूरी दिखाकर पेमेंट प्राप्त कर लेते थे। जब ऊबर को शक होता और आईडी ब्लॉक कर दी जाती, तो ये तुरंत एक नई फर्जी आईडी बनाकर फिर से वही अपराध दोहराते थे। इस तरह, ये शातिर एक के बाद एक नई फर्जी आईडी बनाकर ऊबर को लगातार चूना लगा रहे थे।
बरामद सामान से फर्जीवाड़े के बड़े नेटवर्क का खुलासा
पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं। 500 फर्जी आधार कार्ड की छाया प्रतियां और 21 मोबाइल फोन इस बात का संकेत देते हैं कि यह गिरोह एक बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर रहा था और इनके नेटवर्क में कई फर्जी अकाउंट ऑपरेट किए जा रहे थे। इसके अलावा, एक छोटा प्रिंटर भी बरामद हुआ है, जिससे पता चलता है कि ये मौके पर भी फर्जी दस्तावेज तैयार कर सकते थे।
पुलिस की सतर्कता से खुली साजिश, अन्य साथियों की तलाश जारी
थाना इकोटेक प्रथम पुलिस की मुस्तैदी और लोकल इंटेलिजेंस की सहायता से इस बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो सका है। पुलिस अब गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर उनके अन्य साथियों और इस गिरोह द्वारा पहले किए गए अपराधों की जांच में जुट गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह फर्जीवाड़ा एक संगठित तरीके से किया जा रहा था और इसमें तकनीक की अच्छी समझ रखने वाले अपराधी शामिल हैं। आने वाले दिनों में इस गिरोह से जुड़े और भी लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।