बिल्डरों को अल्टीमेटम: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सख्ती, रजिस्ट्री में देरी पर होगी कार्रवाई

Ultimatum to builders: Greater Noida Authority is strict, action will be taken on delay in registration

Partap Singh Nagar
3 Min Read
बिल्डरों को अल्टीमेटम: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सख्ती, रजिस्ट्री में देरी पर होगी कार्रवाई

Greater Noida News/ BT News: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बिल्डरों को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि वे फ्लैट खरीदारों के नाम जल्द से जल्द रजिस्ट्री कराएं, वरना उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार को ACEO सौम्य श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह स्पष्ट निर्देश दिए गए। बैठक में क्रेडाई और बड़े बिल्डरों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था, जहां बताया गया कि जिन प्रोजेक्ट्स को अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के तहत लाभ मिला है, उनमें भी रजिस्ट्री लंबित है।

1431 फ्लैटों की रजिस्ट्री अब भी अटकी पड़ी है, जबकि संबंधित प्रोजेक्ट्स को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट और रजिस्ट्री की अनुमति पहले ही दी जा चुकी है। ऐसे में अब प्राधिकरण ने रजिस्ट्री प्रक्रिया में तेजी लाने का अल्टीमेटम दे दिया है।

लंबित रजिस्ट्री: किन बिल्डरों के कितने फ्लैट फंसे हैं

बैठक के दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लंबित फ्लैट रजिस्ट्री की पूरी सूची जारी की। इसके मुताबिक:

एम्स गोल्फ टाउन डेवलपर्स, सेक्टर-4: 285 फ्लैट

कैपिटल इंफ्राटेक, सेक्टर-1: 244 फ्लैट

डोमस ग्रीन, जीटा-1: 196 फ्लैट

रुद्रा बिल्डवेल, सेक्टर-16: 168 फ्लैट

निराला प्रोजेक्ट, सेक्टर-2: 137 फ्लैट

महालक्ष्मी इंफ्राहोम, ओमीक्रॉन-3: 125 फ्लैट

एसजेपी इंफ्राकॉन, सेक्टर-16बी: 99 फ्लैट

पूर्वांचल प्रोजेक्ट, चाई फोर: 94 फ्लैट

विहान डेवलपर्स, सेक्टर-1: 83 फ्लैट

कुल लंबित रजिस्ट्री: 1431 फ्लैट, जबकि अब तक 2841 फ्लैटों की रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है।

बिल्डरों की ढिलाई पर विशेष सुविधाएं वापस लेने की चेतावनी

ACEO सौम्य श्रीवास्तव ने साफ कहा है कि यदि रजिस्ट्री में जानबूझकर देरी की गई, तो अमिताभ कांत समिति द्वारा दी गई राहतें वापस ली जा सकती हैं। साथ ही, उन्होंने बिल्डरों से यह भी कहा कि यदि कोई खरीदार जानबूझकर रजिस्ट्री नहीं करवा रहा है, तो उसका आवंटन निरस्त करने के लिए नोटिस जारी किया जाए।

 खरीदारों से अपील: आप भी आगे बढ़ें

प्राधिकरण ने फ्लैट खरीदारों से भी अनुरोध किया है कि वे अपनी ओर से भी रजिस्ट्री की प्रक्रिया में देरी न करें। रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए दोनों पक्षों का सहयोग जरूरी है।

 

 

 

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