Uttar Pradesh News/ भारतीय टॉक न्यूज़: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 की तैयारी तेज हो गई है। शासन ने पंचायत चुनाव के लिए परिसीमन प्रक्रिया की समयसारिणी को मंजूरी दे दी है। अब 18 जुलाई से लेकर 10 अगस्त 2025 तक यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी। इस दौरान वार्डों की सीमाएं फिर से तय होंगी, आपत्तियां ली जाएंगी और अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा।
शहरी विस्तार बना परिसीमन की वजह
पंचायत चुनाव के लिए परिसीमन इसलिए जरूरी हो गया है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद और नगर निगमों का विस्तार हुआ है। इसके चलते कई ग्राम पंचायतों की सीमाएं शहरी क्षेत्रों में शामिल हो गईं। इन बदलावों की वजह से अब ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (वार्डों) का आंशिक परिसीमन किया जाना आवश्यक हो गया है।
क्या है नई समयसारिणी?
18 जुलाई – 22 जुलाई: ग्राम पंचायतवार जनसंख्या का निर्धारण
23 जुलाई – 28 जुलाई: प्रस्तावित वार्डों की सूची का प्रकाशन
29 जुलाई – 2 अगस्त: आपत्तियों को दर्ज करने की प्रक्रिया
3 अगस्त – 5 अगस्त: आपत्तियों का निस्तारण
6 अगस्त – 10 अगस्त: अंतिम सूची का प्रकाशन
यह प्रक्रिया जिला पंचायतीराज विभाग द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार संचालित होगी, जिसे सरकार ने हरी झंडी दे दी है।
क्या बदल रहा है पंचायत चुनाव 2025 में?
2021 में हुए पिछले पंचायत चुनाव में राज्य में निम्नलिखित वार्ड थे:
जिला पंचायत सदस्य: 3,050 वार्ड
क्षेत्र पंचायत सदस्य: 75,845 वार्ड
ग्राम पंचायत सदस्य: 7,32,643 वार्ड
अब शहरी विस्तार के कारण:
512 ग्राम पंचायतें समाप्त हो गई हैं
11 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है
ग्राम पंचायतों की कुल संख्या 58,195 से घटकर 57,694 रह गई है
अनुमानतः 4,600 ग्राम पंचायत वार्ड, 250 क्षेत्र पंचायत वार्ड और 12 जिला पंचायत वार्ड घट सकते हैं
प्रत्याशी तैयार रहें, बदले हुए नक्शे में दिखाना होगा दम
परिसीमन की इस प्रक्रिया का सीधा असर चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों पर पड़ेगा। जो लोग अब तक पुरानी सूचियों के आधार पर तैयारी में लगे थे, उन्हें अब नई सीमाओं और वार्डों के अनुरूप रणनीति बनानी होगी। नए परिसीमन के चलते कई प्रत्याशियों के वार्ड बदल सकते हैं या फिर विलीन भी हो सकते हैं।
आपके गांव में क्या होगा बदलाव?
हर गांव की स्थिति अलग-अलग होगी। कहीं वार्डों की संख्या घटेगी, तो कहीं नई सीमाएं खींची जाएंगी। जो ग्राम पंचायतें अब शहरी क्षेत्र में आ गई हैं, उनमें मतदान का तरीका और प्रतिनिधित्व भी अलग होगा।
नागरिकों और संभावित उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे स्थानीय पंचायत कार्यालय से अपने गांव की स्थिति की जानकारी अवश्य प्राप्त करें, ताकि समय रहते वे अपनी तैयारियों को नई परिसीमन सूची के अनुसार ढाल सकें।