Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब रजिस्ट्री शुल्क के मामले में अलग-अलग जिलों में भिन्नता नहीं होगी। आने वाले समय में पूरे प्रदेश में एक समान रजिस्ट्री शुल्क लागू किया जाएगा।
रजिस्ट्री प्रक्रिया में सुधार
स्टांप और रजिस्ट्रेशन विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि रजिस्ट्री की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो। प्रॉपर्टी के क्रेता और विक्रेता को अब यह जानने में कठिनाई नहीं होगी कि कितना स्टांप शुल्क लगेगा। इसके लिए विभाग पूरे प्रदेश के लिए एक रेट लिस्ट तैयार कर रहा है, जो सभी जिलों में लागू होगी।
सुझावों का संकलन
स्टांप और रजिस्ट्रेशन मुख्यालय ने सभी सब-रजिस्ट्रार को प्रारूप भेजकर सुझाव मांगे हैं। अभी तक हर जिले की अपनी अलग-अलग रेट लिस्ट होती है, जिसका निर्धारण जिलाधिकारी (DM) करते हैं। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सेंट्रलाइज्ड रेट लिस्ट जारी होने के बाद भी जिले में सर्किल रेट तय करने का अधिकार DM के पास ही रहेगा।
सॉफ्टवेयर का विकास
अब तक, प्रॉपर्टी की खरीद पर कितना स्टांप शुल्क लगेगा, यह जानने के लिए क्रेता-विक्रेता को सब-रजिस्ट्रार कार्यालय या वकीलों से संपर्क करना पड़ता था। इस समस्या के समाधान के लिए विभाग एक सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है। इस सॉफ्टवेयर में प्रॉपर्टी की डिटेल डालने पर प्रॉपर्टी की मिल्कियत और स्टांप शुल्क का पता चल जाएगा।
मंत्री की बैठक
पूरे प्रदेश में एक समान रेट लिस्ट बनाने के लिए मंगलवार को स्टांप और रजिस्ट्रेशन मंत्री ने प्रदेश के सभी अधिकारियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में अधिकारियों से राय लेने के बाद एक समान रेट लिस्ट का प्रस्ताव कैबिनेट में मंजूरी के लिए जाएगा।
उत्पीड़न की समाप्ति
अलग-अलग जिलों में अलग-अलग रेट लिस्ट होने के कारण क्रेता-विक्रेता के उत्पीड़न की शिकायतें मिलती हैं। रेट लिस्ट में नियम अलग-अलग होने से किसी जिले में स्टांप शुल्क कम लगता है, तो किसी जिले में ज्यादा। अधिकारी नियमों की अलग-अलग व्याख्या करते हैं, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। ऑडिट के समय भी अलग-अलग रेट लिस्ट होने के कारण ऑडिटर भी आपत्तियां उठाते हैं।
रेट लिस्ट में क्या होगा?
– प्रॉपर्टी के सामने कितनी चौड़ी सड़क होने पर कितने प्रतिशत स्टांप लगेगा।
– कितने एरिया पर कितने प्रतिशत स्टांप शुल्क वसूला जाएगा।
– छोटी प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री पर कितना स्टांप लगेगा।
इस नई पहल से उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता और सरलता आएगी। एक समान रेट लिस्ट लागू होने से क्रेता-विक्रेता को उत्पीड़न से मुक्ति मिलेगी और भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। यह कदम प्रदेश के विकास और नागरिकों की सुविधा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।