Faridabad , Haryana/ भारतीय टॉक न्यूज़: हरियाणा के फरीदाबाद ज़िले के अनंगपुर गांव में रविवार को एक ऐतिहासिक महापंचायत आयोजित की गई, जहां हजारों ग्रामीणों, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और विपक्षी दलों के नेताओं ने एकजुट होकर सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज़ बुलंद की। महापंचायत का मूल उद्देश्य गांव में संभावित तोड़फोड़ की कार्रवाई के खिलाफ रणनीति बनाना और सरकार पर दबाव बनाना था। पंचायत में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि अगर 30 दिनों के भीतर ग्रामीणों की मांगों को नहीं माना गया, तो बड़ा जनआंदोलन छेड़ा जाएगा। ग्रामीणों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में उनकी पुश्तैनी जमीनें उद्योगपतियों को दी जा रही हैं और गांव उजाड़े जा रहे हैं।

किसान संगठनों और नेताओं का समर्थन: एकजुटता की मिसाल
महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ट्रैक्टर से पहुंचे और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटने से केवल सत्ता को लाभ होता है। टिकैत ने स्पष्ट कहा कि जंगलों की कटाई और गांवों का उजड़ना सत्ता की साज़िश है। वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बुलडोज़र कार्रवाई को अन्यायपूर्ण और धर्मविरुद्ध बताया। AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने भी पंचायत को संबोधित किया और दिल्ली के 360 गांवों के समर्थन की बात कही। उन्होंने सरकार से अध्यादेश लाकर कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। इसके अलावा आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रविंदर भाटी और आरक्षण संघर्ष समिति के विजय बैसला ने भी आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया।
महापंचायत में सर्वसम्मति से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनमें शामिल हैं:
🔸अनंगपुर गांव में तोड़फोड़ की कार्रवाई को तुरंत रोका जाए।
🔸जिनके निर्माण ढहाए गए हैं, उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।
🔸4500 एकड़ में से 2500 एकड़ जमीन जो ग्रामीणों की मिल्कियत है, उसे उनके उपयोग हेतु छोड़ा जाए।
🔸सरकार सुप्रीम कोर्ट से राहत दिलाने के लिए अध्यादेश लाए।
🔸जब तक मांगे पूरी नहीं होतीं, गांव में शांतिपूर्ण धरना जारी रहेगा।
🔸सरकार को 15 से 30 दिन का समय दिया गया है, इसके बाद आंदोलन तेज किया जाएगा।
जिसके बाद आंदोलन तेज किया जाएगा।
महापंचायत की अध्यक्षता सुरेन्द्र सोलंकी, अरुण जेलदार और अतर सिंह ने की, और उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि यदि सरकार ने ग्रामीणों की मांगों को नजरअंदाज किया तो एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। यह घटनाक्रम अरावली क्षेत्र में एक बड़े टकराव का संकेत दे रहा है, जहां ग्रामीण अपनी जमीन और आजीविका बचाने के लिए एकजुट हो रहे हैं।
अनंगपुर की यह महापंचायत न केवल जमीन के हक की लड़ाई है, बल्कि यह ग्रामीण चेतना और एकजुटता का प्रतीक बन चुकी है। आने वाले दिनों में यह संघर्ष हरियाणा ही नहीं, पूरे देश में जनआंदोलन का स्वरूप ले सकता है। सरकार के सामने अब यह स्पष्ट संदेश है कि ग्रामीण अपने अधिकारों के लिए एकजुट हैं और कोई भी अन्याय अब सहन नहीं करेंगे।
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