Greater Noida News / भारतीय टॉक न्यूज़: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के तहत आने वाले गांवों और छह फीसदी आबादी भूखंडों के विकास के लिए एक बड़ी पहल की गई है। इन क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए 1000 करोड़ रुपए की भारी भरकम राशि खर्च की जाएगी। इस राशि से गांवों के साथ-साथ छह फीसदी के सभी आवंटित भूखंडों में सड़क, बिजली, पानी और सीवर जैसी आवश्यक सुविधाओं का विस्तार और सुधार किया जाएगा। साथ ही, जिन गांवों की कनेक्टिविटी अभी तक मुख्य मार्गों से नहीं हो पाई है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर मुख्य सड़कों से जोड़ा जाएगा। यह महत्वपूर्ण निर्णय विधायक धीरेंद्र सिंह की ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एनजी रवि कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में लिया गया।
₹1000 करोड़ की लागत से विकास कार्य
बैठक के दौरान, सीईओ एनजी रवि कुमार ने बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र के गांवों में विकास कार्यों, जिनमें सीवर लाइनें बिछाना, सड़कों का निर्माण और मरम्मत, बिजली आपूर्ति में सुधार और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था शामिल है, के लिए 1000 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। यह धनराशि विशेष रूप से गांवों और किसानों को दिए गए छह फीसदी आबादी भूखंडों दोनों पर खर्च की जाएगी, ताकि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का जीवन स्तर बेहतर हो सके। परियोजना विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सभी गांवों को जल्द से जल्द मुख्य मार्गों से जोड़ने के काम को प्राथमिकता दें ताकि आवागमन सुगम हो सके।
विधायक धीरेंद्र सिंह की पहल और बैठक
यह पूरा प्रयास स्थानीय विधायक धीरेंद्र सिंह की पहल का नतीजा है, जिन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और किसानों की समस्याओं को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की। इस बैठक में उन्होंने गांवों के विकास कार्यों की धीमी गति और छह फीसदी भूखंडों से जुड़ी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। विधायक की सक्रियता के बाद ही प्राधिकरण ने 1000 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत कर इन कार्यों को गति देने का आदेश जारी किया।
किसानों की मांगें और प्राधिकरण का आश्वासन
बैठक में विधायक धीरेंद्र सिंह के माध्यम से किसानों ने भी अपनी कई पुरानी और महत्वपूर्ण मांगों को प्राधिकरण के समक्ष रखा। इन मांगों में ग्रामीण आबादी की बैकलीज की प्रक्रिया को सरल बनाना, किसानों को प्लॉट शिफ्टिंग में आ रही बाधाओं को दूर करना, छह फीसदी आवासीय भूखंडों से जुड़े लंबित मामले निपटाना और गांवों के समग्र विकास कार्य तेजी से कराना शामिल था। सीईओ एनजी रवि कुमार ने किसानों की इन सभी मांगों को गंभीरता से सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि इन सभी मुद्दों का समाधान समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित किया जाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण निर्देश
विकास कार्यों और किसानों की मांगों के अलावा, बैठक में कुछ अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा हुई और निर्देश जारी किए गए। विधायक धीरेंद्र सिंह ने स्वर्णनगरी क्षेत्र में दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मिल्क बूथ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर सीईओ ने नियोजन विभाग को तत्काल उपयुक्त स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए। सीईओ ने प्राधिकरण कार्यालय आने वाले सभी आगंतुकों के साथ विनम्र और अच्छा व्यवहार करने की बात को फिर से दोहराया और चेतावनी दी कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ अभद्रता की शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गंगाजल आपूर्ति और भूजल संरक्षण
सीईओ एनजी रवि कुमार ने ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के सभी गांवों, सेक्टरों और सोसायटियों में गंगाजल की आपूर्ति शीघ्रता से शुरू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि गंगाजल की उपलब्धता से भूजल के अत्यधिक दोहन को रोका जा सकेगा, जो लगातार नीचे जा रहा है। उन्होंने चेताया कि यदि भूजल स्तर को गिरने से रोकने के लिए तत्काल उपाय नहीं किए गए तो भविष्य में गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने के लिए सड़कों को बेहतर बनाने पर भी सीईओ ने विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।