Greater Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बिल्डर अब एक नए तरह का खेल खेल रहे हैं। वे निवेशकों को आलीशान फ्लैट और आधुनिक सुविधाओं का सपना दिखाकर वर्चुअल प्रॉपर्टी बेच रहे हैं। इन बिल्डरों का लालच है कि वे निवेशकों को मुनाफा और आसान किश्तों में पैसा वापस करने का झांसा देकर संपत्तियां बेच रहे हैं।
शोरूम में हिस्सेदारी का झांसा
खरीदारों को शोरूम या दुकान में हिस्सेदारी देने का लालच दिया जा रहा है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया जाता कि यह हिस्सेदारी कितनी है और किस क्षेत्र की है। इस तरह के सौदों में न तो प्राधिकरण की मंजूरी होती है और न ही रजिस्ट्री की आवश्यकता होती है। बिल्डर केवल स्टांप पेपर पर एक दस्तावेज देकर अपना काम निपटा लेते हैं।
आयकर विभाग की जांच
आयकर विभाग ने इस तरह के संदिग्ध सौदों पर नजर रखते हुए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की आठ परियोजनाओं की जांच शुरू कर दी है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को इस तरह के झांसे में नहीं आना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के वकील कुमार मिहिर का कहना है कि अगर प्रॉपर्टी खरीदनी है तो रजिस्ट्री जरूर करवाएं। अगर बिल्डर दिवालिया हो जाता है तो खरीदारों को बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता है।
निवेश से पहले जांच जरूरी
वर्चुअल प्रॉपर्टी में निवेश करने से पहले पूरी तरह से जांच-पड़ताल कर लेनी चाहिए। बिना किसी कानूनी दस्तावेज के किसी भी तरह का निवेश जोखिम भरा हो सकता है।