नोएडा शहर कीं मूर्ति बनाएंगे : पद्मश्री राम वनजी सुतार जीं , CEO नोएडा ने सम्मान किया, उन्होंने विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, का निर्माण किया है। पूरी ख़बर पढ़े !

5 Min Read
नोएडा शहर कीं मूर्ति बनाएंगे : पद्मश्री राम वनजी सुतार जीं , CEO नोएडा ने सम्मान किया, उन्होंने विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, का निर्माण किया है।
Will build the statue of Noida city: Padmashree Ram Vanji Sutar ji, CEO Noida honored, he has built the world’s tallest statue, the Statue of Unity.

 

Noida News : नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में हाल ही में एक महत्वपूर्ण शिष्टाचार भेंट हुई, जिसमें नोएडा प्राधिकरण सीईओ( CEO )  श्री लोकेश एम ने प्रसिद्ध मूर्तिकार पद्म भूषण श्री राम वन सुतार से मुलाकात की। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य नोएडा के औद्योगिक स्वरूप को दर्शाने वाली एक नई मूर्ति की योजना बनाना था। श्री सुतार, जो 99 वर्ष के हो चुके हैं, अभी भी अपने कला के क्षेत्र में सक्रिय हैं और उन्होंने विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, का निर्माण किया है।

 

सम्मान और भेंट

नोएडा प्राधिकरण सीईओ श्री लोकेश एम ने श्री सुतार को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया और प्राधिकरण की ओर से एक बोनसाई भेंट किया। इस अवसर पर श्री सुतार के साथ प्राधिकरण में सौंदर्यीकरण हेतु मूर्ति स्थापित करने पर विचार-विमर्श किया गया। यह कलाकृति प्राधिकरण के मूल स्वरूप का प्रतिनिधित्व करते हुए एक बड़े आकर्षण का केंद्र होगी।

श्री सुतार को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित कर प्राधिकरण की ओर से एक बोनसाई भेंट किया।

 

 

ऊर्जा चक्र की योजना

नोएडा खबर के साथ एक इंटरव्यू में पद्मश्री राम वन सुतार ने नोएडा के उद्योगों को परिलक्षित करते हुए एक ऊर्जा चक्र बनाने की इच्छा जाहिर की थी। अब सीईओ नोएडा ने खुद ही उन्हें ऐसी प्रतिमा बनाने का प्रस्ताव दे दिया है। उम्मीद है कि यह मूर्ति पूरे नोएडा की पहचान बनेगी और इसे एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी।

 

राम वनजी सुतार: एक परिचय

राम वनजी सुतार का जन्म 19 फरवरी, 1925 को महाराष्ट्र के धूलिया जिले के गोंडूर गांव में एक साधारण परिवार में हुआ था। श्रीराम कृष्ण जोशी से उन्हें कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली और बाद में, उन्होंने बॉम्बे में सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट में दाखिला लिया। पढ़ाई पूरी करने के बाद सुतार 1959 में दिल्ली आ गए जहां उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय में काम किया। हालांकि, उन्होंने फ्रीलांस मूर्तिकार के रूप में करियर शुरू करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी।

करियर की शुरुआत और उपलब्धियाँ

दिल्ली के लक्ष्मी नगर में एक स्टूडियो खोलने के बाद, सुतार ने 1990 में नोएडा में जा बसे। 2004 में, उन्होंने अपना स्टूडियो स्थापित किया और 2006 में साहिबाबाद में अपनी कास्टिंग फैक्ट्री भी स्थापित की। अपने 60 साल के करियर में राम वनजी सुतार ने संसद के अंदर महात्मा गांधी की मूर्ति सहित कई मूर्तियां बनाई हैं। वह देश में सबसे बड़े और शोकेस किए गए मूर्तिकारों में से एक हैं और उनके काम की प्रतियां इंग्लैंड, फ्रांस और रूस जैसे अन्य देशों को भी उपहार में दी गई हैं।

उल्लेखनीय कार्य

1954 और 1958 के बीच, सुतार ने अजंता और एलोरा की गुफाओं की कई प्राचीन नक्काशियों को पुनर्स्थापित करने में योगदान दिया। सुतार के करियर को उनकी रचना, मध्य प्रदेश में 45 फुट के चंबल स्मारक ने स्थापित किया। यह स्मारक एक ही चट्टान से तराशा गया था, और इसका अनावरण 1961 में किया गया था। स्मारक अपने दो बच्चों, राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ मां चंबल का प्रतिनिधित्व करता है।

भाखड़ा बांध और अन्य स्मारक

News18 की रिपोर्ट के अनुसार, जवाहरलाल नेहरू ने सुतार को भाखड़ा बांध बनाने वाले श्रमिकों के शिल्प कौशल को सम्मानित करने के लिए 50 फुट का कांस्य स्मारक बनाने के लिए भी कमीशन दिया था। यह लेबर स्टैच्यू 26 जनवरी, 1959 को स्थापित किया गया था और आज तक, यह भारत में हर साल 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस समारोह का केंद्र बिंदु बना हुआ है।

अन्य प्रसिद्ध मूर्तियाँ

सुतार की अन्य प्रसिद्ध मूर्तियों में दिल्ली में गोविंद बल्लभ पंत की 10 फीट लंबी कांस्य प्रतिमा, बिहार में कर्पूरी ठाकुर और बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिन्हा की मूर्ति, अमृतसर में महाराजा रणजीत सिंह की 21 फीट ऊंची मूर्ति, और गुजरात में विश्व प्रसिद्ध स्टैच्यू ऑफ यूनिटी शामिल हैं।

Spread the love
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Exit mobile version