Greater Noida News/ भारतीय टॉक न्यूज़: ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में आने वाले बुलंदशहर के 55 गांवों के किसानों को अब उनकी जमीन का मुआवजा मिलेगा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Authority – YEIDA) और बुलंदशहर प्रशासन ने मंगलवार को किसानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर मुआवजे की दरों पर सहमति बना ली। निर्णय लिया गया है कि जो किसान आबादी भूखंड नहीं लेंगे, उन्हें ₹4500 प्रति वर्गमीटर मुआवजा मिलेगा, जबकि आबादी भूखंड लेने वालों को ₹3800 प्रति वर्गमीटर दिया जाएगा।
विकास परियोजनाओं के लिए रास्ता साफ
मुआवजे की दरें तय होने से यीडा को अब लैंडबैंक तैयार करने में सहूलियत होगी। इससे सेमीकंडक्टर यूनिट, लॉजिस्टिक्स हब, ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स जैसी कई महत्वाकांक्षी योजनाएं जमीन पर उतर सकेंगी। पिछले करीब डेढ़ साल से अधिसूचित इन गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अटकी हुई थी, जो अब तेज़ी से आगे बढ़ेगी। इससे न सिर्फ स्थानीय रोजगार बढ़ेगा, बल्कि बुलंदशहर और ग्रेटर नोएडा का औद्योगिक महत्व और भी अधिक बढ़ेगा।
मुआवजा दर पर बनी सहमति (Compensation Rates Finalized)
मंगलवार को हुई इस त्रिपक्षीय बैठक में किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए दोहरी मुआवजा दर प्रणाली लागू करने पर सहमति बनी है। जो किसान अपनी जमीन के बदले सात प्रतिशत आबादी वाला भूखंड नहीं लेंगे, उन्हें ₹4300 प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, जो किसान आबादी भूखंड का विकल्प चुनेंगे, उन्हें ₹3800 प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा मिलेगा। इस निर्णय का उद्देश्य मुआवजा प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना और किसानों की संतुष्टि सुनिश्चित करना है। कुछ शुरुआती रिपोर्टों में भूखंड न लेने पर मुआवजे की दर ₹4500 प्रति वर्ग मीटर बताई गई थी, लेकिन नवीनतम और विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार यह दर ₹4300 प्रति वर्ग मीटर तय की गई है।
औद्योगिक विकास की राह होगी आसान (Paving the Way for Industrial Growth)
इन 55 गांवों की जमीन का अधिग्रहण यीडा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इससे प्राधिकरण का लैंडबैंक मजबूत होगा। यह भूमि अधिग्रहण क्षेत्र में औद्योगिक विकास को नई गति प्रदान करेगा। यीडा इस क्षेत्र में सेमीकंडक्टर यूनिट, लॉजिस्टिक्स हब और अन्य ग्रीनफील्ड परियोजनाओं जैसी कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को धरातल पर उतारने की तैयारी में है। इन परियोजनाओं से न केवल क्षेत्र का आर्थिक परिदृश्य बदलेगा, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
डेढ़ साल पहले शुरू हुई थी प्रक्रिया (Process Initiated a Year and a Half Ago)
गौरतलब है कि बुलंदशहर के इन 55 गांवों को यीडा के अधिसूचित क्षेत्र में शामिल करने की प्रक्रिया करीब डेढ़ साल पहले, जून 2023 में शुरू की गई थी। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से निकटता और बेहतर कनेक्टिविटी के कारण यह क्षेत्र औद्योगिक और लॉजिस्टिक विकास के लिए रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुआवजा दरों पर सहमति बन जाने के बाद अब यीडा इन गांवों में तेजी से जमीन अधिग्रहण कर विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाएगा, जिससे इस क्षेत्र को एक प्रमुख औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी।