यमुना प्राधिकरण की नई भूमि अधिग्रहण रणनीति: अब चंक में खरीदी जाएगी जमीन, सेक्टरों का होगा तेज विकास

Yamuna Authority's new land acquisition strategy: Now land will be purchased in chunks, sectors will develop rapidly

Partap Singh Nagar
4 Min Read
यमुना प्राधिकरण की नई भूमि अधिग्रहण रणनीति: अब चंक में खरीदी जाएगी जमीन, सेक्टरों का होगा तेज विकास

Greater Noida News /भारतीय टॉक न्यूज़: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने अपने क्षेत्र में नए सेक्टरों के विकास को गति देने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में एक क्रांतिकारी बदलाव किया है। अब तक चली आ रही छोटे-छोटे टुकड़ों में जमीन खरीदने की पुरानी व्यवस्था को समाप्त करते हुए, यीडा ने 10 एकड़ के चंक (खंड) में जमीन खरीदने की एक नई, सुगठित रणनीति अपनाई है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य अवसंरचना विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करना और एक नियोजित तथा विवाद-मुक्त शहरीकरण सुनिश्चित करना है।

क्यों पड़ी नई रणनीति की जरूरत?

पहले की प्रक्रिया में, यमुना प्राधिकरण किसानों से उनकी उपलब्धता के अनुसार अलग-अलग आकार के भूमि के टुकड़ों की रजिस्ट्री करा लेता था। इस प्रक्रिया में सबसे बड़ी खामी यह थी कि एक ही सेक्टर में कई भूमि के टुकड़े अधिग्रहित नहीं हो पाते थे, जिससे विकास कार्य बाधित होते थे। सड़क, सीवर, पानी की पाइपलाइन बिछाने और भूखंडों के आवंटन जैसी आवश्यक बुनियादी ढाँचे की परियोजनाएँ अधूरी रह जाती थीं। बिखरी हुई भूमि पर विकास योजनाओं को लागू करना प्राधिकरण के लिए एक बड़ी चुनौती थी। इसी समस्या से निपटने और सेक्टरों का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए यह नई चंक-आधारित खरीद नीति लागू की गई है।

कैसे काम करेगी नई ‘चंक’ प्रणाली?

नई रणनीति के तहत, प्राधिकरण अब किसी भी क्षेत्र में जमीन का अधिग्रहण तभी करेगा, जब किसान आपसी सहमति से कम से-कम 10 एकड़ का एक पूरा चंक उपलब्ध कराएंगे। किसानों से बातचीत और सहमति के बाद रजिस्ट्री की प्रक्रिया तभी पूरी की जाएगी, जब पूरा 10 एकड़ का चंक अधिग्रहण के लिए तैयार हो। इसी के बाद किसानों को उनके मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। इस व्यवस्था से यह सुनिश्चित होगा कि प्राधिकरण के पास विकास कार्यों के लिए एक बड़ा और संगठित भूमि पार्सल उपलब्ध हो, जिससे परियोजनाओं को बिना किसी रुकावट के समय पर पूरा किया जा सके।

यीडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राकेश कुमार सिंह के अनुसार, “नई रणनीति से न केवल भूखंडों का आवंटन सुगम होगा, बल्कि विकास कार्यों में कोई बाधा नहीं आएगी। हमारा लक्ष्य विवाद-मुक्त भूमि लेकर सेक्टरों का तेज और व्यवस्थित विकास करना है।”

इन सेक्टरों और गाँवों पर है फोकस

प्राधिकरण ने इस नई नीति के तहत कुल 26 गाँवों की 3120 हेक्टेयर भूमि का आपसी सहमति से अधिग्रहण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस महत्वाकांक्षी योजना में मुख्य रूप से सेक्टर-5, 6, 8, 9, 11, 21, 28, 29, 32 और 33 शामिल हैं।

उदाहरण के तौर पर, कुछ प्रमुख अधिग्रहण इस प्रकार हैं:

सेक्टर-5 के लिए कलूपुरा गाँव की 217 हेक्टेयर भूमि।

सेक्टर-8 के लिए दस्तमपुर गाँव की 228 हेक्टेयर भूमि।

सेक्टर-28 और 33 के लिए मुरादगढ़ी गाँव की 60 हेक्टेयर भूमि।

किसानों और आवंटियों को लाभ

इस नई व्यवस्था से किसानों को समय पर और एकमुश्त मुआवजा मिलने में आसानी होगी, क्योंकि प्रक्रिया तभी आगे बढ़ेगी जब एक निश्चित चंक तैयार हो जाएगा। वहीं, जिन आवंटियों ने इन सेक्टरों में भूखंड लिए हैं, उन्हें जल्द से जल्द अपनी संपत्ति पर कब्जा मिलने की उम्मीद है। बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से होने के कारण क्षेत्र में औद्योगिकीकरण और आवासीय बसावट को भी पंख लगेंगे। यह कदम नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट हो रहे विकास को और गति प्रदान करेगा।

संक्षेप में, यीडा की यह नई ‘चंक लैंड परचेज’ रणनीति एक दूरदर्शी कदम है, जो भूमि अधिग्रहण की जटिलताओं को कम करके क्षेत्र के सुनियोजित और तीव्र विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी।

 

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