Greater Noida / भारतीय टॉक न्यूज़ : ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 थाना क्षेत्र में एक दुखद हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। गूगल मैप के गलत निर्देशों के कारण एक स्टेशन मास्टर की कार 30 फीट गहरे नाले में जा गिरी, जिसके परिणामस्वरूप उनकी मौत हो गई। यह घटना न केवल तकनीक पर अंधी निर्भरता के खतरों को उजागर करती है, बल्कि स्थानीय प्रशासन की लापरवाही पर भी सवाल उठाती है।
ग्रेटर नोएडा में गूगल मैप के गलत निर्देश के चलते कार 30 फीट गहरे नाले में गिरी, स्टेशन मास्टर भारत भाटी की दर्दनाक मौत।
पुलिस ने कड़ी मशक्कत से बाहर निकाला, लेकिन अस्पताल ले जाते समय हुई मौत। बीटा 2 थाना क्षेत्र की घटना। @noidapolice @Uppolice#GreaterNoida pic.twitter.com/GWCUgur38p
— Bharatiya Talk (भारतीय टॉक न्यूज़) (@BTalknews) March 3, 2025
घटना का विवरण: कैसे हुआ हादसा?
यह दर्दनाक घटना 2 मार्च 2025 को दोपहर करीब 3:30 बजे ग्रेटर नोएडा के सेक्टर पी-3 के पास केंद्रीय विहार-2 सोसाइटी के सामने हुई। दिल्ली के मंडावली निवासी स्टेशन मास्टर भारत भाटी अपनी स्विफ्ट डिजायर कार से एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए ग्रेटर नोएडा जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने गूगल मैप का सहारा लिया, लेकिन मैप ने उन्हें उस सड़क पर निर्देशित किया जो अचानक खत्म होकर 30 फीट गहरे नाले में मिलती थी। तेज रफ्तार कार पर उनका नियंत्रण नहीं रहा और वह नाले में जा गिरी।
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पुलिस का रेस्क्यू ऑपरेशन: देर हो चुकी थी
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत बीटा-2 थाना पुलिस को सूचित किया। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और क्रेन की मदद से कड़ी मशक्कत के बाद भारत भाटी को नाले से बाहर निकाला। इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो चुके थे और नाले में लंबे समय तक फंसे रहने के कारण उनकी स्थिति बिगड़ गई थी। पुलिस ने उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। पुलिस ने उनके पास से मिले आई-कार्ड के आधार पर उनकी पहचान की और परिजनों को सूचना दी।
जांच और प्रारंभिक निष्कर्ष: गूगल मैप या प्रशासन की चूक?
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि गूगल मैप के गलत नेविगेशन ने भारत भाटी को गुमराह किया। जिस जगह यह हादसा हुआ, वहां सड़क अचानक खत्म हो जाती है और कोई रेलिंग, बैरिकेड या चेतावनी बोर्ड मौजूद नहीं था। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि भारत भाटी की वर्तमान तैनाती कहां थी और क्या अन्य कारक भी इस हादसे में शामिल थे। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की गहन जांच जारी है।
स्थानीय स्थिति: पहले भी हो चुके हैं हादसे
यह इलाका पहले भी अपनी खतरनाक स्थिति के लिए चर्चा में रहा है। स्थानीय निवासियों और रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) ने बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से कई बार इस स्थान पर सुरक्षा उपाय करने की मांग की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हादसे के बाद पुलिस ने वहां बैरिकेडिंग की, लेकिन यह कदम भारत भाटी की जान बचाने के लिए बहुत देर से उठाया गया। यह सवाल उठता है कि अगर पहले ही सुरक्षा व्यवस्था होती, तो क्या यह त्रासदी टल सकती थी?
गूगल मैप की विश्वसनीयता पर सवाल: यह पहला मामला नहीं
गूगल मैप के गलत निर्देशों के कारण होने वाला यह कोई पहला हादसा नहीं है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के बरेली और बदायूं में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जहां लोगों ने अपनी जान गंवाई। तकनीक पर बढ़ती निर्भरता के बीच यह जरूरी हो गया है कि मैपिंग सेवाएं अपनी सटीकता सुनिश्चित करें और उपयोगकर्ताओं को जोखिमों से बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल बनाएं।
परिजनों का दुख: एक सामान्य यात्रा बनी अंतिम सफर
हादसे की खबर मिलते ही भारत भाटी के परिजन मौके पर पहुंचे। उनके लिए यह हादसा एक असहनीय झटका है। भारत भाटी एक सामान्य दिनचर्या में अपने काम से निकले थे और शादी समारोह में खुशी के पल बिताने जा रहे थे, लेकिन यह यात्रा उनकी जिंदगी का आखिरी सफर बन गई। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
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जिम्मेदारी किसकी ??
यह हादसा गूगल मैप की तकनीकी खामियों और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की लापरवाही का मिला-जुला परिणाम है। तकनीक का इस्तेमाल सुविधा के लिए किया जाता है, लेकिन इसकी अंधी निर्भरता जानलेवा साबित हो सकती है। साथ ही, प्रशासन की ओर से सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने में उदासीनता भी कम जिम्मेदार नहीं है। इस घटना से सबक लेते हुए जरूरी है कि ऐसी त्रुटियों को सुधारा जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जाए। पुलिस जांच के नतीजे और आगे की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।
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