Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा पुलिस ने एक ऐसी कंपनी का पर्दाफाश किया है जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोगों को जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, रेंट एग्रीमेंट, बिजली बिल, निवास प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज मुहैया कराती थी। पुलिस ने इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।
कंपनी का नाम और स्थान
यह कंपनी महागुन मार्ट गौर सिटी-2 ग्रेटर नोएडा वेस्ट में YOY CAPITAL INFRA PVT- LTD के नाम से संचालित हो रही थी।
पुलिस की कार्रवाई
थाना बिसरख पुलिस को सूचना मिली थी कि इस दुकान में फर्जी दस्तावेजों का गोरखधंधा चल रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने दुकान पर छापा मारा और 9 लोगों को गिरफ्तार किया।
बरामदगी
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 6 सीपीयू, 2 लैपटॉप, फर्जी रेंट एग्रीमेंट, फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, फर्जी आय प्रमाण पत्र, फर्जी पासपोर्ट कॉपी, एसएससी एडमिट कार्ड, पेटीएम मशीन, बिल बुक, एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, डायरी, सील मोहर, फर्जी बिजली बिल, जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, मृत्यु प्रमाण पत्र और 10 मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
आरोपियों की भूमिका
आरोपियों में दुकान का मालिक, कंप्यूटर ऑपरेटर, केवाईसी अपडेट करने वाले लोग और बैंक गार्ड शामिल हैं। दुकान का मालिक अजय जयसवाल है, जो एमबीए पास है। वह पिछले 6 साल से दुकान चला रहा था और हर महीने लगभग 7 लाख रुपये की अवैध कमाई कर रहा था। अन्य आरोपी भी अलग-अलग तरह से इस गोरखधंधे में शामिल थे।
फर्जीवाड़े का तरीका
आरोपी जन सुविधा केंद्र/डी.जी सेवा की आईडी का इस्तेमाल करके दस्तावेजों में एडिटिंग करते थे। वे INDPRINT-SHOP नाम की वेबसाइट का भी इस्तेमाल करते थे। वे फर्जी बिल और अन्य दस्तावेज तैयार करके लोगों के सरकारी दस्तावेजों को अपडेट कराते थे। केवाईसी के लिए वे कस्टमर को इंडसइंड बैंक भेजते थे, जहां बैंक गार्ड सुखपाल और केवाईसी करने वाला व्यक्ति आकाश मिलकर फर्जी आधार कार्ड बनाते थे।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों का विवरण:
- अजय कुमार जयसवाल: (उम्र 45 वर्ष) दुकान का मालिक, एमबीए पास, पिछले 6 साल से दुकान चला रहा था। ग्राहकों से दस्तावेज लेने और उन्हें तैयार करने का ऑर्डर लेता था। जन सुविधा केंद्र/डी.जी सेवा की आईडी का इस्तेमाल करके दस्तावेजों में एडिटिंग करता था।
- अंकित कुमार: (उम्र 27 वर्ष) कंप्यूटर ऑपरेटर, बीसीए पास, पिछले दो साल से अजय जयसवाल के साथ काम कर रहा था। दस्तावेजों को एडिट करने और कंप्यूटर उपकरणों की देखभाल करता था।
- आकाश: (उम्र 26 वर्ष) केवाईसी अपडेट करने वाला, बीए पास, पिछले एक साल से इंडसइंड बैंक में केवाईसी अपडेट करने का काम करता था। फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके आधार कार्ड/केवाईसी करता था।
- विशेष कुमार: (उम्र 29 वर्ष) दस्तावेज एडिटर, बीकॉम पास, पिछले एक साल से काम कर रहा था। दस्तावेजों में एडिटिंग करता था।
- अमित विश्वकर्मा: (उम्र 21 वर्ष) दस्तावेज सहायक, बीए पास, पिछले एक साल से काम कर रहा था। ग्राहकों से दस्तावेज लेकर उनमें जरूरत के अनुसार एडिटिंग करता था।
- आशुतोष पाण्डे: (उम्र 25 वर्ष) फर्जी दस्तावेज निर्माता, बीटेक पास, गाजियाबाद में आशू आधार सेवा केंद्र के नाम से दुकान चलाता था। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि बनाता था। फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए INDPRINT-SHOP वेबसाइट का इस्तेमाल करता था।
- दीपक कुमार: (उम्र 25 वर्ष) फर्जी रेंट एग्रीमेंट निर्माता, बीए पास, पिछले डेढ़ साल से काम कर रहा था। फर्जी रेंट एग्रीमेंट तैयार करके आधार और पासपोर्ट बनाता था। आईजीएल बिल में भी हेरफेर करता था।
- शानू: (उम्र 22 वर्ष) फर्जी रेंट एग्रीमेंट निर्माता, बीकॉम पास, पिछले एक साल से काम कर रहा था। डिमांड पर फर्जी रेंट एग्रीमेंट बनाता था।
- सुखपाल: (उम्र 50 वर्ष) बैंक गार्ड, इंडसइंड बैंक में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था। अपनी बेटी ज्योति के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके इंडसइंड बैंक में कार्यरत आकाश से केवाईसी करवाता था।
गिरफ्तारी
पुलिस ने सभी 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।